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जुर्म

श्मशान घाट से उठाई धोती, फिर पेड़ से लटक कर किसान ने लगाई फांसी

राजेश भाटिया
  • 03 जून 2020,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST
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कर्ज और लॉकडाउन से एक किसान इतना परेशान हो गया कि वह नहाने के लिए नदी पर गया और श्मशान घाट पहुंच गया. वहां से उसने एक धोती उठाई और उसी धोती को लेकर नदी किनारे एक पेड़ से फंदा लगाकर अपनी जान दे दी. यह घटना मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की है. (Demo Photo)

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सोसायटी के कर्ज और लॉकडाउन से तंग एक किसान ने मध्य प्रदेश के बैतूल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मामला घोडाडोंगरी तहसील के बटकीडोह गांव का है, जहां कर्ज से परेशान और लॉकडाउन में काम न मिलने से हताश होकर श्रीनिवास सरकार फांसी के फंदे पर झूल गया. (Demo Photo)

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सोमवार शाम वह नदी किनारे श्मशान घाट के पास पहुंचा और श्मशान घाट में पड़ी धोती को उठाकर नदी किनारे लगे पेड़ पर उस धोती से फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली.

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रात में परिजन उसे ढूंढते हुए जब नदी के पास पहुंचे तो उसका शव  पेड़ से लटका हुआ था. इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया.

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कर्ज से मौत के चलते कोऑपरेटिव बैंक से लेकर पुलिस तक के अफसर इस मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे. हालांकि, पुलिस उसकी मौत की प्रारंभिक जांच में कर्ज से आत्महत्या को वजह मान रही है.

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जिला सहकारी केंद्रीय बैंक प्रबंधन ने भी उस पर कर्ज के बकाया की जांच शुरू कर दी है जबकि पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. मृतक के परिजन भी उसके कर्ज से परेशान होने और लॉकडाउन में काम न मिलने से तंग होने की बात कर रहे हैं. वे किसान का कर्ज माफ करने की मांग भी कर रहे हैं.

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मृतक के भाई विभाग सरकार ने बताया कि श्रीनिवास सरकार ने जून 2018 में चोपना सोसाइटी से 37,800 रुपये का कर्ज लिया था. दो साल से वह फसल खराब होने के कारण कर्ज नहीं भर पा रहा था जिससे वो डिफॉल्टर हो गया था. ऐसी स्थिति में उसे सोसायटी से खाद-बीज नहीं मिल पाता. खाद-बीज ना मिलने के कारण वो इस साल खेती तक नहीं कर पाया.

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वहीं, लॉकडाउन में भी उसे मात्र चार-पांच दिन तेंदू पत्ता तोड़ने का काम मिला लेकिन परिवार के जीवन यापन के लिए ये काम पर्याप्त नहीं था. इसकी वजह से वह मानसिक रूप से परेशान हो गया था. मृतक श्रीनिवास के पास मात्र पांच एकड़ जमीन है जिसपर उसके दो भाइयों का परिवार और उसकी पत्नी के अलावा दो बच्चे निर्भर थे.

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