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जुर्म

यूपी के वो 9 बड़े अपराध जो विधानसभा में सरकार के लिए बनेंगे सिरदर्द

श्याम सुंदर गोयल
  • 21 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST
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एक तरफ तो यूपी सरकार आंकड़ों के जरिए बता रही है कि यूपी में क्राइम की वारदातों में कमी आई है, वहीं दूसरी ओर यूपी के क्राइम के मामले देश में चर्चित हो रहे हैं. यूपी विधानसभा में विपक्ष अपराध के बढ़ते मामलों पर सरकार को घेरने की रणनीति भी बनाने में लगा हुआ है. विधानसभा सत्र में इस बार यूपी के 9 बड़े अपराध सरकार के लिए सिरदर्द बनने वाले हैं. बता दें कि यूपी में गुरुवार से तीन दिवसीय विधानसभा सत्र शुरू हो गया है.

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यूपी में क्राइम का इस साल का सबसे बड़ा मामला जुलाई 2020 में विकास दुबे का आया था, जिसने अपने घर पर रेड करने आए 8 पुलिसवालों की अपने साथियों की मदद से हत्या कर दी थी. बाद में विकास दुबे का एनकांउटर भी कर दिया गया.

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अगस्त 2020 में आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पास कर चुकीं युवा महिला डॉक्टर की कुछ दिनों पहले बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस मामले में आगरा पुलिस ने एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया है.

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होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी की मौत भी कई दिनों तक रहस्य बनी रही. इस केस को सुलझाने के लिए पुलिस ने कड़ी मेहनत की. सुदीक्षा भाटी की मौत की गुत्थी को सुलझाने के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी ने सिकंदराबाद टोल प्लाजा से लेकर औरंगाबाद घटनास्थल तक लगे सीसीटीवी कैमरों के बारे में जानकारी जुटाई. पूरे रास्ते पर 12 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे होने का पता चला. इन कैमरों की फुटेज को खंगाला गया तो घटना का राज खुलता चलता गया. बाद में आरोपियों को पकड़ लिया गया.

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यूपी के गोंडा जिले में एक किडनैपर महिला ने एक बच्चे को अगवा किया जिसकी रिहाई के बदले 4 करोड़ की फिरौती मांगी गई. फिरौती के लिए बाकायदा लेडी किडनैपर ने बच्चे के पिता को फोन किया. फोन पर सीधे धमकी दी. बच्चा ज़िंदा चाहिए या नहीं. बाद में किडनैपर महिला भी पकड़ ली गई.

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इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर जिले में बदमाशों ने अपहरण की वारदात को बेखौफ अंजाम दिया. पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र को अगवा कर लिया और उसके परिजनों से एक करोड़ की फिरौती की मांग की गई. मामला पुलिस तक जा पहुंचा. सीएम के जनपद का मामला था, लिहाजा एसटीएफ को भी जांच में लगाया गया. लेकिन बदमाश बेरहम थे, उन्होंने अपहरण के कुछ मिनटों बाद ही बच्चे की हत्या कर दी. (प्रतीकात्मक फोटो)

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यूपी के कानपुर देहात में एंटीक समान की टेस्टिंग करने वाले व्यक्ति सत्यम सिंह चौहान का अपहरण कर लिया गया. उसे एंटीक समान की टेस्टिंग करने के नाम पर बुलाया गया था. यही नहीं अपहरण करने के बाद बदमाशों ने उसके घरवालों से 1 करोड़ की फिरौती मांगी. इस दौरान अगवा किए गए शख्स को बेरहमी से पीटा भी गया. इस काम में बीजेपी का एक नेता भी शामिल था. (प्रतीकात्मक फोटो)

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यूपी के इटावा शहर की फ्रेंड्स कॉलोनी में रहने वाला एक परिवार पिछले 9 माह से अपने बेटे शिवम को तलाश रहा है जिसका अपहरण 18 नवंबर 2019 को हुआ था. अपहरण के तीसरे दिन बदमाशों ने एक दूध वाले को भेजकर 6 लाख की फिरौती मांगी थी. पीड़ित परिवार ने अपने लापता बेटे के पोस्टर शहर में जगह-जगह लगाए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. (प्रतीकात्मक फोटो)

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जुलाई 2020 में ही गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में कुछ अज्ञात बदमाशों ने पत्रकार विक्रम जोशी पर हमला किया था. सीसीटीवी फुटेज में सामने आया था कि विक्रम जोशी अपनी दो बेटियों के साथ मोटरसाइकिल से जा रहे थे. तभी बदमाशों ने उन्हें घेर लिया और गोली मारी. इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.

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जून 2020 में कानपुर में संजीत यादव की किडनैपिंग और बाद में उसकी हत्या का मामला सुर्खियों में रहा था. उसकी किडनैपिंग 22 जून को हुई थी. 27 जून की सुबह अपहरण के चार दिन बाद कानपुर की नहर में संजीत यादव का कत्ल कर उसकी लाश बहा दी गई थी. आरोप है कि पुलिस ने इस परिवार से फिरौती के 30 लाख रुपये भी लिए, लेकिन डेड बॉडी अभी तक नहीं मिली है.


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बता दें कि हाल ही में यूपी सरकार ने दावा किया है कि योगी सरकार की सख्ती के कारण अपराध का ग्राफ साल दर साल घटा है. बताया गया कि 2016 में सपा सरकार में रेप के 1982 मामले दर्ज हुए जबकि योगी सरकार में 2019 में यह मामले घटकर 1692 पर आ गए. हत्या के मामले भी इस दौरान 2762 से घटकर 2204 और डकैती के मामले 149 से घटकर 68 रह गए. (प्रतीकात्मक फोटो) 

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