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जुर्म

फांसी के वक्त रूमाल का क्या इस्तेमाल करता है जेलर, जल्लाद ने खोले राज

aajtak.in
  • 13 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST
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न‍िर्भया केस के दोष‍ियों को कभी भी फांसी दी जा सकती है. फिलहाल उनकी दया याच‍िका राष्ट्रपत‍ि के पास लंब‍ित है. उस पर फैसला होते ही चारों आरोप‍ियों को फांसी हो सकती है. दोषियों को फांसी देने के ल‍िए खास रस्सी भी बनवाई जा रही है और जल्लाद की भी खोज शुरू हो गई है. (प्रतीकात्मक फोटो)

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क्राइम तक की टीम ने ऐसे जल्लाद से बात की ज‍िनका  खानदानी काम फांसी देना है. इस परिवार ने अभी तक 25 से ज्यादा लोगों को, जल्लाद के रूप में फांसी दी है. इस पर‍िवार की कहानी लक्ष्मण, कालूराम, बब्बू स‍िंह से होते हुए अब पवन जल्लाद पर आ गई है.

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क्राइम तक की टीम ने पवन जल्लाद से पूछा था क‍ि जेलर अपने हाथ में पकड़े रूमाल का इस्तेमाल क्यों और कैसे करता है. इसका जवाब देते हुए पवन जल्लाद बोले, "फांसी देते समय वहां मौजूद लोग कुछ भी बोलते नहीं हैं, स‍िर्फ इशारों से काम होता है. इसी वजह से फांसी का लीवर खींचने का इशारा देने के ल‍िए रूमाल का इस्तेमाल क‍िया जाता है."

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कैदी को फांसी के तख्ते पर लाने और फांसी देने में 10 से 15 म‍िनट लगते हैं. इसकी पूरी प्रक्र‍िया के बारे में पवन ने बताते हुए कहा, " कैदी के हाथ तो पहले ही बंधे होते हैं, फ‍िर उसके पैर बांधे जाते हैं, स‍िर पर नकाब डाल द‍िया जाता है और फ‍िर फांसी का फंदा कसना होता है. जैसे ही सारा काम पूरा हो जाता है, हम  लीवर के पास पहुंच जाते हैं और जेल अधीक्षक को अंगूठा द‍िखाकर बताते  हैं क‍ि हमारा  काम पूरा हो गया है. अब इशारा होते ही लीवर खींचने की तैयारी होती है." (प्रतीकात्मक फोटो)

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पवन ने आगे बताया, "कैदी को खड़े करने की जगह पर एक गोल निशान बनाया जाता है ज‍िसके अंदर कैदी के पैर होते हैं. जेलर रूमाल से इशारा करता है तो लीवर खींच द‍िया जाता है. रूमाल नीचे नहीं ग‍िराया जाता बल्क‍ि एक खास अंदाज में झटका जाता है. लीवर खींचते ही कैदी के पैर सीधे कुएं में और स‍िर फंदे पर टंग जाता है. 10 से 15 म‍िनट में सब शांत हो जाता है."

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बता दें  क‍ि निर्भया मामले में दोषियों की फांसी के लिए उल्टी गिनती शुरू होते ही जल्लाद की खोज शुरू हो गई है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने जल्लाद की खोज के लिये उत्तर प्रदेश के जेल प्रशासन को चिट्ठी ल‍िखी है.  9  दिसंबर को तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से चिट्ठी ल‍िखी गई थी ज‍िसमें यूपी जेल प्रशासन से जल्लादों के बारे में ब्योरा मांगा गया. तिहाड़ जेल प्रशासन ने जल्लादों को जल्द से जल्द देने की बात भी इस च‍िट्ठी में कही है.

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निर्भया केस के दोषियों को फांसी देने के ल‍िए जल्लादों की जरूरत पड़ेगी. यूपी में दो जल्लाद मौजूद हैं. दोनों में से किसी एक को यूपी जेल प्रशासन त‍िहाड़ जेल भेजेगा. इस काम कि लिये तिहाड़ जेल प्रशासन जल्लादों के सारे खर्चों और यात्रा का खर्च वहन भी करता है.

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