पौड़ी के डोभ श्रीकोट निवासी अंकिता भंडारी की हत्या से परिवार सदमे में है. परिजनों को यकीन नहीं हो रहा है कि उन्होंने अपनी बेटी को खो दिया है. बेटी की बातों को याद करके अंकिता की मां बेसुध हो जाती हैं. घरवाले अंकिता को साक्षी नाम से बुलाते थे. अंकिता की मां उसे बार-बार साक्षी नाम से बुलाती हैं और बेहोश हो जाती हैं.
परिवार व रिश्तेदारी से आईं महिलाएं अंकिता की मां को संभालने और समझाने में लगी हैं. अंकिता के परिवार में माता-पिता और एक भाई है. मां आंगनबाड़ी में काम करती है. परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर है.
अंकिता की चचेरी बहन का कहना है कि दीदी का स्वभाव बहुत अच्छा था. पड़ोसियों का कहना है बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए. जिससे कि आगे से कोई इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम न दे सके.
(रिपोर्ट- तेजपाल सिंह चौहान)
अंकिता की हत्या से गांव में मातम और आक्रोश का माहौल है. लोगों के चेहरे पर बेटी को खोने का गम है तो वहीं आरोपियों के खिलाफ गुस्सा.
ये गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर कोई अंकिता को इंसाफ दिलाने और मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराने की मांग कर रहा है.
गौरतलब है कि अंकिता की हत्या के मामले में रिजॉर्ट में बतौर शेफ काम करने वाले शख्स ने बड़ा खुलासा किया है. उसने बताया कि "अंकिता ने रोते-रोते कॉल की थी. उसने कहा था, मेरा बैग ले आओ, मेरा बैग सड़क पर रख दो. जब रिजॉर्ट का स्टाफ बैग लेकर गया तो वो नहीं मिली"
अंकिता को आखिरी बार 18 सितंबर को 3 बजे के आसपास देखा था. शेफ के मुताबिक "रिजॉर्ट से अंकिता समेत 4 लोग निकले थे, लेकिन रात 9 बजे सिर्फ तीन लोग लौटे थे. लेकिन अंकिता समेत 4 लोगों का खाना मंगवाया गया था.
पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर विधानसभा इलाके के एक प्राइवेट रिजॉर्ट में अंकिता रिसेप्शनिस्ट थी. अंकिता बीते 18-19 सितंबर से गायब थी.
पुलिस और SDRF की टीमें जिला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही थीं.
शनिवार सुबह पुलिस को अंकिता की डेडबॉडी चिल्ला पावर हाउस के पास से मिली.