उत्तर प्रदेश के कानपुर से ऐसा मामला सामने आया है जहां ट्रेनों में नकली टीटी बनकर यात्रियों से उगाही करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, आश्चर्य की बात ये है कि इनके पास से बकायदा आईकार्ड भी बरामद किया गया है जो दिखने में एकदम असली दिख रहे हैं.
दरअसल, उत्तर मध्य रेलवे द्वारा संचालित ट्रेनों से यह मामला सामने आया है. जीआरपी डिप्टी एसपी मोहम्मद अकमल के मुताबिक मुख्य आरोपी दिनेश कुमार गौतम देहरादून का रहने वाला है, उसको पकड़ा गया तो पूरा मामला सामने आया. इस दौरान उसने चौंकाने वाले खुलासे भी किए.
पुलिस ने मामले का पर्दाफाश एकदम फिल्मी स्टाइल में किया है. फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर इस मामले में भी फर्जी तरीके से पैसे वसूले जा रहे थे.
उसने बताया कि वो टीटी है और स्टाफ का आदमी है. उसने अपना आईकार्ड और लेटर जीआरपी पुलिस को दिखाया कि मेरी नौकरी लगी है और ऐसे ही बहुत लोगों को नौकरी दी गई है. लेकिन जब इस नौकरी के बारे में उसने विस्तार से बताया तो पुलिस के अधिकारी भी हैरान रह गए.
इसके बाद खुलासा हुआ कि इस तरह का एक गिरोह रूद्र प्रताप ठाकुर नामक व्यक्ति चला रहा है. इस गिरोह का सरगना रूद्र प्रताप लोगों से रुपये लेकर रेलवे का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और आईकार्ड देता है. गैंग का सरगना टीटी की नौकरी के नाम पर पंद्रह लाख रुपये मांगता है. कभी-कभी किसी से चार लाख या सात लाख रुपये लेकर फर्जी नौकरी लगवाता है.
अभी तक यह गिरोह कई लोगों को अपने जाल में फंसा चुका है. पकड़े गए नकली टीटी दो जून से कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पर काम कर रहे थे, उनको गैंग के सदस्यों ने बताया था कि दो महीने की ट्रेनिंग के लिए यहां रखा गया है.
पूछताछ और जांच के आधार पर पुलिस ने फिलहाल 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये सभी नकली टीटी बनकर यात्रियों से पैसे वसूलते थे. इनके पास से मिले नकली आई कार्ड जब्त कर लिए गए हैं. पुलिस की टीम आगे की जांच कर रही है.