मध्य प्रदेश के पन्ना में हीरे का काला कारोबार लंबे समय से चल आ रहा था और उसे ऐसे शातिराना तरीके से अंजाम दिया जाता था कि किसी को कोई शक भी न हो. ऐसे ही दो तस्कर पुलिस की पकड़ में तब आए जब एक शख्स ने हीरे के कारण अपने अपहरण की झूठी कहानी रच दी थी.
दरअसल, करीब 4 महीने पहले ममता नज़्म की एक आदिवासी महिला को अपने खेत मे काम करते हुये एक हीरा मिला था जिसके बारे में उसने अपने भाई राम विश्वास को बताया था.
राम विश्वास ने इस बात की खबर ऐसे लोगों को दी जिसका नंबर उसके पास था. वह शातिर तस्कर अगले ही दिन राम विश्वास के घर पहुंच गए और हीरे को देखा.
तब शातिर तस्करों ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि हम लोग इसे आपके नाम से पन्ना के हीरा कार्यालय में जमा करा देंगे. राम विश्वास ने भरोसा कर लिया लेकिन दोनों व्यापारियों ने हीेरे को कार्यालय में न ही जमा ही करवाया और न ही पैसे भेजे.
तब राम विश्वास और उसका भांजा कल्लू पन्ना पहुंचे तो तस्करों ने कहा कि हमने हीरा जमा कर दिया है और कल एक लाख रुपये आपके घर पहुंच जाएंगे लेकिन रुपये एक सप्ताह तक भी नहीं पहुंचे.
उसके बाद भांजे कल्लू को लगा कि कहीं मामा ने पैसे तो नहीं ले लिए. लिहाजा भांजे कल्लू ने अपने अपहरण की कहानी रची और आवाज़ बदल कर मां से एक लाख रुपये की फिरौती मांग डाली.
मामला हीरे से जुड़ा था लिहाजा पुलिस हरकत में आ गई और कल्लू को खोज निकाला तो वह फर्जी अपहरण निकला लेकिन इस फर्जी अपहरण से असली हीरे के काले कारोबार की भनक लग गई और पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया.
उधर, अच्छे पैसों का लालच देकर ग्रामीण आदिवासियों से छलपूर्वक अवैधानिक रूप से हीरा कार्यालय में हीरा जमा करने के बहाने से तस्कर हीरा हड़प कर गए और बार-बार उसके मांगने पर भी उसे हीरा नहीं दिया और न ही उसे पैसे दिए.
इसके बाद पीड़ित ने बृजपुर थाने में मामले की शिकायत की. पुलिस ने दोनों हीरा तस्करों को गिरफ्तार कर लिया जिनके पास से 3.29 कैरेट का हीरा भी जब्त कर लिया गया.
एसपी मयंक अवस्थी ने बताया कि कुछ दिन पहले हमारे यहां एक किडनैपिंग की सूचना आई थी जो बाद में फर्जी निकली थी जिससे पता चला था कि आदिवासी परिवार को एक हीरा मिला था जिसे शासन में जमा नहीं किया गया. हमारी पुलिस टीम ने इस मामले की पड़ताल की और 3 कैरेट के लगभग वजन का हीरा आरोपियों से जब्त किया जिसकी कीमत करीब 8 लाख रुपये है.