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ट्रैक्टर परेड में हिंसा पर दिल्ली पुलिस की छापेमारी जारी, गुजरात से आई FSL टीम पहुंची लाल किला

दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर जांच-पड़ताल जारी है. ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में आईटीओ पर प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी, जबकि आंदोलनकारियों का एक गुट लालकिले परिसर में दाखिल हो गया था और अपना झंडा फहरा दिया था. गणतंत्र दिवस को आंदोलित किसानों से हुई झड़प में 80 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.    

बवाल के बाद लालकिले पर बढ़ी सुरक्षा बलों की तैनाती (फोटो-PTI) बवाल के बाद लालकिले पर बढ़ी सुरक्षा बलों की तैनाती (फोटो-PTI)
तनसीम हैदर/गोपी घांघर
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST
  • ITO पर स्पॉट का किया मुआयना
  • लालकिले पर मौके पर की पड़ताल
  • 26 जनवरी को प्रदर्शनकारियों ने किया था बवाल

दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर जांच-पड़ताल जारी है. ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में आईटीओ पर प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी, जबकि आंदोलनकारियों का एक गुट लालकिले परिसर में दाखिल हो गया था और अपना झंडा फहरा दिया था. गणतंत्र दिवस को आंदोलित किसानों से हुई झड़प में 80 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

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दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के 9 मामलों की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच बड़ी तेजी से कर रही है. लेकिन लाल किला मामले में अभी तक पुलिस के हाथ खाली है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक गुजरात की FSL की टीम को बुलाया गया है जिसने रविवार को दंगों की जगहों का दौरा किया. टीम ने लाल किला, ITO, गाजीपुर और नांगलोई का दौरा किया. 

गुजरात से आई टीम खासतौर से वीडियो फुटेज पर काम करने के लिए आई है. इस टीम को इस काम में महारत हासिल है. ये टीम वीडियो की जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौपेंगी. क्राइम ब्रांच के मुताबिक पब्लिक के द्वारा अभी तक 5000 से ज्यादा वीडियो और फ़ोटो दंगों के दौरान की पुलिस को मिल गई है. जिनका विश्लेषण किया जा रहा है और आरोपियों की पहचान की जा रही है.

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किसान जिन रास्तों से होते हुए लाल किले और आईटीओ पर पहुंचे थे, उन रास्तों पर लगे तमाम सीसीटीवी फुटेज को इकट्ठा करने का काम किया जा रहा है. वीडियो फुटेज में और सीसीटीवी फुटेज में जिन ट्रैक्टर्स के नंबर साफ नजर आ रहे हैं उनके एड्रेस लाइसेंस अथॉरिटी से लेकर उन सभी को नोटिस भेजा जा रहा है. क्राइम ब्रांच अब तक 50 से ज्यादा लोगों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेज चुकी है जिसमें तमाम किसान नेता भी शामिल हैं.

बहरहाल, इसकी जांच के लिए रविवार को गुजरात से फॉरेंसिक FSL टीम के सदस्य पहुंचे. जांच पड़ताल के लिए 6 सदस्यों वाली फॉरेंसिक टीम दिल्ली में मौजूद है. टीम में एक महिला अफसर भी शामिल है. टीम ने पहले ITO हिंसा वाले स्पॉट का मुआयना किया. इसके बाद टीम लालकिला पहुंची.

इससे पहले, शनिवार को फॉरेंसिक एक्सपर्ट की एक टीम ने लालकिला पहुंचकर नमूने एकत्रित किए थे. टीम ने ब्लड सैंपल, फिंगर प्रिंट आदि साक्ष्यों को कलेक्ट किया था. अब गुजरात से FSL टीम पहुंची है.

लालकिले पर हुआ था हंगामा

असल में, गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में किसान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें कई लोग घायल हुए और काफी जगह तोड़फोड़ हुई. सबसे बड़ा बवाल लाल किले पर फहराए गए झंडे और वहां हुई तोड़फोड़ को लेकर हुआ. लाल किला परिसर में हजारों प्रदर्शनकारियों ने घुसकर वहां तोड़फोड़ की और उस जगह पर अपना झंडा फहरा दिया, जहां 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाता है. इसमें कई पुलिसवाले घायल हो गए थे. 

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आरोपी युवक की तलाश जारी

इस बीच, लालकिले पर झंडा लहराने के आरोपी युवक की तलाश की जा रही है. दिल्ली पुलिस की एक टीम ने शुक्रवार को जालंधर में छापेमारी की. दिल्ली पुलिस लालकिले पर झंडा लहराने वाले जुगराज की तलाश में छापेमारी कर रही है. ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर केसरी झंडा निशान साहिब फहराने वाले जुगराज की तलाश में दिल्ली पुलिस की टीम ने जालंधर में छापेमारी की थी.

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बता दें कि लालकिले पर हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है. 27 जनवरी को कोतवाली थाने में FIR दर्ज की गई थी. लालकिला परिसर में घुसने में 39 ट्रैक्टरों का जिक्र किया गया है. इस हिंसा के पीछे खालिस्तान संगठन सिख फॉर जस्टिस की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. इस संगठन को 2019 में यूएपीए के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान की आईएसआई भी इस प्रदर्शन का फायदा उठाने की कोशिश में थी. 

 

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