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एम्स नई दिल्ली सर्वर हैक मामले में दावा किया जा रहा था कि अस्पताल से 200 करोड़ की फिरौती की मांग की गई. लेकिन अब दिल्ली पुलिस की तरफ से उन दावों को खंडन कर दिया गया है. साफ कहा गया है कि AIIMS प्रशासन की तरफ से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है कि उनसे फिरौती मांगी गई हो.
जारी बयान में कहा गया है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में फिरौती को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं, हम साफ कर दें कि AIIMS प्रशासन की तरफ से ऐसी कोई सूचना हमे नहीं दी गई है. पुलिस ने अपनी तरफ से साफ कर दिया है कि कोई भी फिरौती नहीं मांगी गई है. वहीं AIIMS ने इस फिरौती वाली बात पर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है.
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि 23 नवंबर को करीब 11-12 घंटे तक AIIMS का सर्वर डाउन रहा था. उसके बाद एम्स के सिक्योरिटी ऑफिसर की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया था. बड़ी बात ये है कि AIIMS नई दिल्ली के सर्वर पर देश की सभी बड़ी और नामचीन हस्तियों के मेडिकल रिकॉर्ड और अन्य जानकारियां है. इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्रियों का डेटा शामिल है. ऐसे में सर्वर पर मौजूद जानकारी काफी संवेदनशील मानी जा रही है. इसी वजह से जब हैकिंग की संभावना सामने आई थी तुरंत साइबल सेल को सूचित किया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई. इस मामले में IFSO, स्पेशल सेल ने Sec 385 IPC, Sec 66/66F IT एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज (FIR) की गई है.
जब से मामले की जांच शुरू की गई है, AIIMS में इंटरनेट सेवाएं भी बाधित चल रही हैं. जांच ऐसेंजियों को क्योंकि साइबर अटैक की आशंका है, इस वजह से इंटरनेट सेवाएं भी बाधित चल रही हैं. वहीं AIIMS के 1200 कंप्यूटर में एंटीवायरस भी इंस्टॉल कर दिए गए हैं. इसके अलावा 50 में से 20 सर्वर को स्कैन किया जा रहा है.
पायल बनर्जी के इनपुट के साथ