
Punjab News: जालंधर देहात के गांव शेखूपुर से गुरुवार को एक फोटो और सीसीटीवी कैमरे का फुटेज सामने आया था. इसमें फरार खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह अपने एक साथी संग जुगाड़ गाड़ी पर प्लेटिना बाइक रखकर जाता नजर आया. फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद जुगाड़ गाड़ी को मीडिया ने ढूंढ निकाला.
जुगाड़ गाड़ी चालक का नाम लखबीर सिंह लक्खा है. लक्खा ने मीडिया को बताया, वह घर से मेहतपुर की ओर जा रहा था, तभी रास्ते में दो नौजवान खड़े हुए नजर आए. उन्होंने मुझे रोका और कहा कि उनकी बाइक पंचर हो गई है, इसलिए वह उन्हें आगे तक छोड़ दे. उसके बाद वह अपनी जुगाड़ी गाड़ी पर बिठाकर उन दोनों को मेहतपुर तक लेकर आया.
गाड़ी चालक लखबीर सिंह लक्खा ने बताया, मुझे मालूम नहीं था कि मदद मांगने वाला शख्स अमृतपाल सिंह और उसका साथी है. लेकिन बाद में यह पता चल गया कि अमृतपाल ने फरार होने के लिए उसके ठेले का इस्तेमाल कर लिया है.
पुलिस ने नहीं की चेकिंग
जुगाड़ गाड़ीवाले लक्खा ने आगे बताया कि आते-जाते रास्ते में पुलिस की गाड़ियां तो बहुत थीं, लेकिन उनकी किसी ने चेकिंग नहीं की. बाद में अमृतपाल सिंह ने भाड़े के तौर पर ₹100 भी दिए. लक्खा ने बताया कि अमृतपाल सिंग उसकी फोटो नकली नहीं, बल्कि असली है. देखें Video:-
बता दें कि अलगाववादी संगठन ‘वारिस दे पंजाब’ के प्रमुख और अलगाववादी अमृतपाल सिंह फरार चल रहा है. अमृतसर के पास अजनाला पुलिस थाने पर हुए हमले के बाद पंजाब पुलिस को अमृतपाल की तलाश है. पुलिस ने आरोपी और उसके सहयोगियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है. उसके कई सहयोगियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
पंजाब पुलिस के अनुसार, अमृतपाल सिंह का पता लगाने की कोशिशें जारी हैं. उसके खिलाफ एक लुकआउट नोटिस और गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया है.
पुलिस के साथ ही खुफिया एजेंसियां भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं. भारत- नेपाल सीमा पर भी पैनी नजर रखी जा रही है जिससे वह यहां के रास्ते नेपाल न भाग सके. जगह-जगह लगाए गए पोस्टरों में हथियारों से लैस अमृतपाल सिंह, पपलप्रीत, हरप्रीत, विक्रमजीत सिंह और हरजीत सिंह को पुलिस की ओर से वांछित बताया गया है.
पंजाब पुलिस ने आरोपियों के लिए ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किया गया है. पुलिस ने लोगों को चेताया है कि आरोपियों को शरण देने और उनकी मदद करने वालों के खिलाफ जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
अमतृपाल कैसे चर्चा में आया?
बीती 23 फरवरी को पंजाब के अजनाला पुलिस स्टेशन पर अमृतपाल सिंह ने अपने साथियों को छुड़ाने के लिए धावा बोल दिया था और पुलिसवालों पर हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया था. इस घटना के बाद से पंजाब सरकार की आलोचना होने लगी थी. सवाल सरकार की साख का था. कहा जाने लगा था कि ऐसे तत्वों से निपटने में पंजाब की सरकार कमज़ोर पड़ने लगी है.
इसी बीच, गृह मंत्री अमित शाह से पंजाब के सीएम भगवंत मान की मुलाकात हुई और अमृतपाल पर शिकंजा कसने का खाका खींच लिया गया. सरकार ने इसमें कुछ दिनों का वक्त लिया, लेकिन इसके बाद पंजाब पुलिस अमृतपाल और उसके साथियों पर टूट पड़ी.
विदेशी फंड की जांच
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल सिंह को भारत में इस तरह की गतिविधियों के लिए विदेश से फंड मिल रहा था. उसके फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी के पास दो साल में 35 करोड़ रुपये का विदेशी फंड पहुंचा. उसके फोन से कई बार पाकिस्तान में बात भी हुई. फिलहाल पुलिस ने उसका फोन बरामद कर लिया है और जांच की जा रही है.
तैयार कर रहा था फिदायीन हमलावर
पुलिस सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर अमृतपाल नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर फिदायीन हमलावरों को तैयार करने में जुटा था. पाकिस्तान से ही हथियार मंगवा कर वह अपने समर्थकों को बांट रहा था और आनंदपुर खालसा फोर्स के नाम पर एक हथियारबंद संगठन शुरू कर चुका था.
NIA भी कर रही जांच
वैसे इस मामले की जांच अकेले पंजाब पुलिस ही नहीं एनआईए भी कर रही है, जिसे अमृतपाल के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से कनेक्शन के सुराग मिले हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने अमृतपाल और उसके साथियों पर एनएसए यानी नेशनल सिक्योरिटी एक्ट की धाराएं भी लगा दी हैं. कुल मिलाकर, ये कहा जा सकता है कि अमृतपाल की उल्टी गिनती की शुरुआत हो चुकी है.