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अटारी बॉर्डर पर पकड़ी गई थी 700 करोड़ की ड्रग्स, अब NIA के हत्थे चढ़ा मुख्य आरोपी 'चाचा'

मुख्य आरोपी की पहचान अतहर सईद उर्फ चाचा के तौर पर की गई है. चाचा ही इस रैकेट के सरगना शाहिद अहमद के निर्देश पर ड्रग्स से होने वाली आमदनी को संभालता था. बुधवार को एनआईए की तरफ से जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.

NIA ने आरोपी को पुरानी दिल्ली में सर्च ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया NIA ने आरोपी को पुरानी दिल्ली में सर्च ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2024,
  • अपडेटेड 8:13 PM IST

Attari Border Drugs Recovery Seized Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को 700 करोड़ रुपये के अटारी बॉर्डर ड्रग्स जब्ती मामले में बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल, NIA की टीम ने इस मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद इस केस में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की कुल संख्या आठ हो गई है.

मुख्य आरोपी की पहचान अतहर सईद उर्फ चाचा के तौर पर की गई है. चाचा ही इस रैकेट के सरगना शाहिद अहमद के निर्देश पर ड्रग्स से होने वाली आमदनी को संभालता था. बुधवार को एनआईए की तरफ से जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मंगलवार को अतहर सईद उर्फ चाचा की गिरफ्तारी दिल्ली के दरियागंज में उसके ठिकाने की तलाशी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त करने के बाद की गई.

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एजेंसी के बयान में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर ड्रग्स रैकेट के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाने के लिए आतंकवाद रोधी एजेंसी दस्तावेजों की जांच कर रही है. इस दौरान एनआईए की जांच से पता चला है कि सईद ने भारत से अफगानिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात में नशीले पदार्थों की बिक्री से कमाई गई दौलत को ट्रांसफर करने के लिए हवाला ऑपरेटरों और अन्य लोगों का एक नेटवर्क बनाया और उसे बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

एनआईए का कहना है कि इस तरह, वह ड्रग्स की आय को विदेश में बैठे मुख्य आरोपी व्यक्तियों तक पहुंचा रहा था. बयान में आगे कहा गया है कि उसने मुख्य आरोपी को देश से भागने में मदद करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 

आपको बता दें कि यह मामला अप्रैल 2022 में सामने आया था, जब दो किश्तों में भारतीय सीमा शुल्क द्वारा लगभग 700 करोड़ रुपये मूल्य की 102.784 किलोग्राम हेरोइन की बरामदग और जब्त की गई थी. ये ड्रग्स की खेप इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) अटारी, अमृतसर के माध्यम से अफगानिस्तान से भारत  लाई गई थी और इसे मुलेठी की जड़ों के बीच छुपाया गया था. एनआईए ने कहा कि पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए आगे की जांच जारी है.
 

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