
शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की 4.20 करोड़ की संपत्ति को कुर्क कर लिया है. ये कार्रवाई मनी लॉन्डरिंग मामले के तहत की गई है. इस मामले में अनिल देशमुख की पत्नी से भी ईडी पूछताछ करने जा रही है.
अनिल देशमुख के खिलाफ ईडी की कार्रवाई
ईडी ने PMLA के तहत अनिल देशमुख, उनकी पत्ननी और कंपनी प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड की 4.40 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. कुर्क की गई संपत्ति में मुंबई का एक रेजिडेंशियल फ्लैट शामिल है जिसकी कीमत 1.54 करोड़ रुपये बताई गई है. वहीं रायगढ़ में भी उनकी एक 2.67 करोड़ रुपये की जमीन को कुर्क कर लिया गया है. ईडी की तरफ से ये कार्रवाई IPC की धारा 120-B, 1860 और PM अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत की गई है. देशमुख पर आरोप है कि उन्होंने बड़े पद पर रहते हुए गलत तरीके से लाभ उठाने की कोशिश की है.
जानिए क्या है पूरा मामला
मनी लॉन्डरिंग मामले में पता चला है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने तब के मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के जरिए ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से कुल 4.70 करोड़ रुपये नकद रिश्वत ली थी. वहीं जांच में देशमुख के मुंबई वाले फ्लैट को लेकर भी बड़ी जानकारी सामने आई है. बताया गया है कि अनिल देशमुख का वर्ली वाला फ्लैट उनकी पत्नी आरती के नाम पर रेजिस्टर्ड है. उस फ्लैट की पूरी पेयमेंट भी साल 2004 में कैश के जरिए कर दी गई थी, लेकिन 'सेल डीड' पूरे 16 साल बाद यानी की फरवरी 2020 में की गई जब अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृह मंत्री बने थे. जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कंपनी प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड में अनिल देशमुख के परिवार की 50 प्रतिशत ओनरशिप है, ईडी द्वारा इस पहलू की अभी जांच की जा रही है.
जानकारी के लिए बता दें कि ये सारा विवाद तब शुरू हुआ था जब परमबीर सिंह ने मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने और राज्य होम गार्ड का डीजी बनाए जाने के बाद 20 मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था. सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कुछ पुलिस अधिकारियों को हर महीने मुंबई के बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था. उसके बाद ही जांच आगे बढ़ी और अनिल देशमुख पर कानून का शिकंजा कसता गया.