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बाइपोलर डिसऑर्डर के शिकार ASI को कैसे मिली रिवॉल्वर, क्यों ली मंत्री की जान... ओडिशा हत्याकांड के अनसुलझे सवाल

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास पर रविवार को पुलिस विभाग में तैनात एएसआई ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस घटना में स्वास्थ्य मंत्री की मौत हो गई है. घटना के बाद सरकार से लेकर प्रशासन तक हिल गया. इस पूरे मामले की जांच सीआईडी क्राइम ब्रांच को दी गई है. हालांकि, अब तक हत्या करने की वजह साफ नहीं हो सकी है.

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की ASI गोपाल दास ने गोली मारकर हत्या कर दी. (फाइल फोटो) ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की ASI गोपाल दास ने गोली मारकर हत्या कर दी. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • भुवनेश्वर,
  • 29 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:58 AM IST

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास (60 साल) की रविवार दोपहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना को सुरक्षा ड्यूटी में तैनात ASI गोपाल दास ने अंजाम दिया है. आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. हालांकि, अब तक घटना का कारण साफ नहीं हो सका है. लेकिन, जो बड़ी बातें निकलकर सामने आ रही हैं, वो बेहद चौंकाने वाली हैं. आरोपी ASI आठ साल से बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) का शिकार था. उसने जिस डॉक्टर से लगातार इलाज करवाया, उसके पास एक साल से नहीं गया था. इतना ही नहीं, पत्नी और बच्चों से मिलने भी पांच महीने से नहीं गया है. फिलहाल, इस मामले में सरकार ने CID जांच के आदेश दिए हैं. 

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घटना ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर इलाके की है. यहां स्वास्थ्य मंत्री एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. प्रोटोकॉल के तहत उनकी सुरक्षा में गांधी चौक पुलिस चौकी में तैनात ASI गोपाल कृष्ण दास की ड्यूटी लगी थी. बताते हैं कि जैसे ही मंत्री कार्यक्रम स्थल के पास गांधी चौक पर पहुंचे और कार से उतरने लगे, तभी आरोपी ASI गोपाल ने सीने से सटाकर रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. घटना में मंत्री लहूलुहान हो गए. मौके पर स्वागत करने के लिए खड़े स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया.

ऑपरेशन कर निकाली गोली, नहीं बच सकी जान

मंत्री को तत्काल ब्रजराजनगर से झारसुगुड़ा के जिला अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, हालात गंभीर होने के बाद तुरंत एयरलिफ्ट कर भुवनेश्वर ले जाया गया. वहां ऑपरेशन कर गोली निकाली गई. लेकिन, कुछ ही घंटे बाद मंत्री को नहीं बचाया जा सका. घटनास्थल का एक वीडियो में सामने आया है, इसमें नब दास को गोली लगने के बाद खून बहता देखा जा सकता है. कार ड्राइवर और आसपास खड़े लोग संभालते दिखे. 

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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अस्पताल पहुंचकर मंत्री नब दास के बेटे को सांत्वना दी.

ASI की पत्नी बोली- सुबह बेटी को किया था वीडियो कॉल

वहीं, आरोपी सहायक पुलिस उप निरीक्षक (ASI) गोपाल दास की पत्नी और साइकोलॉजिस्ट का बड़ा बयान सामने आया है. आरोपी की पत्नी जयंती दास ने बताया कि मुझे नहीं पता कि क्या हुआ है. मुझे इस घटना के बारे में न्यूज से पता चला. सुबह से मेरी गोपाल से बात भी नहीं हुई. वो आखिरी बार पांच महीने पहले घर आए थे. गोपाल ने सुबह वीडियो कॉल पर बेटी से बात की थी. ये उनकी आखिरी कॉल थी. उन्हें कुछ मानसिक परेशानी थी, जिसका वो पिछले 7-8 साल से इलाज करवा रहे थे. दवा लेने के बाद वो सामान्य व्यवहार करते थे. पत्नी जयंती का कहना था कि चूंकि पति मुझसे करीब 400 किमी दूर रहते हैं. मैं यह नहीं कह सकती कि वह नियमित रूप से दवा ले रहे थे या नहीं.

'बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार था एएसआई'

पत्नी के इस बयान पर एक मनोचिकित्सक ने भी मुहर लगाई है. बेरहामपुर के MKCG मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मनोरोग विभाग के हेड डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने बताया कि ASI गोपाल दास बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के शिकार थे. दास लगभग आठ से दस साल पहले पहली बार मेरे क्लीनिक पर आए थे. वो बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते थे और इसका इलाज चल रहा था. मैं यह नहीं बता सकता हूं कि वह नियमित रूप से दवाएं ले रहे थे या नहीं. बाइपोलर डिसऑर्डर में यदि दवा नियमित रूप से नहीं ली जाती है तो फिर से बीमारी का शिकार हो जाते हैं. एक साल हो गया है जब वह मुझसे आखिरी बार मिले थे.

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'डिप्रेशन में चला जाता है बीमार व्यक्ति'

विशेषज्ञों के अनुसार, बाइपोलर डिसऑर्डर एक तरह से मानसिक विकार है यानी मेंटल हेल्थ कंडीशन के तौर पर जाना जाता है. इसमें हाइपर-मानिया से लेकर डिप्रेशन तक होता है. इस विकार में इंसान में अति सक्रियता, स्वभाव में बदलाव, डिप्रेशन हो सकता है. डिप्रेशन और उन्मत्तता के दो ध्रुव एक ही व्यक्ति में एक-साथ मौजूद होने के कारण ही इस डिसऑर्डर को बायपोलर कहा जाता है. हालांकि, परामर्श समेत इलाज के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है.

कैसे बाइपोलर डिसऑर्डर शिकार को बना दिया चौकी प्रभारी?

इस घटना के बाद पुलिस विभाग भी सवालों के घेरे में आ गया है. मंत्री की सुरक्षा से लेकर बायपोलर डिसऑर्डर के शिकार एएसआई को रिवॉल्वर देने पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो गया है. कहा जा रहा है कि मेंटल डिसऑर्डर के बावजूद गोपाल दास को कैसे एक सर्विस रिवाल्वर जारी कर दी गई? इतना ही नहीं, ब्रजराजनगर में एक पुलिस चौकी का प्रभारी भी नियुक्त कर दिया गया? गोपाल ने अपने ही चौकी इलाके में मंत्री को गोली मार दी और प्रोटोकॉल में तैनात अन्य अफसर उसकी मानसिक स्थिति तक नहीं भांप पाए?

पहले चौकी प्रभारी बनाया, फिर दिया गन का लाइसेंस

गोपाल दास गंजाम जिले के जलेश्वरखंडी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने बेरहामपुर में कांस्टेबल के रूप में पुलिस विभाग में अपना करियर शुरू किया. 12 साल पहले गोपाल का झारसुगुड़ा जिले में ट्रांसफर किया गया. इस संबंध में झारसुगड़ा एसडीपीओ गुप्तेश्वर भोई ने कहा कि ब्रजराजनगर क्षेत्र के गांधी चौक में पुलिस चौकी का प्रभारी बनाए जाने के बाद एएसआई गोपाल को लाइसेंसी पिस्तौल जारी की गई थी.

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ASI ने बाइक खड़ी की और पहुंच गया मंत्री के पास

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, गोपाल दास को रविवार को मंत्री नब किशोर दास के दौरे के लिए कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैनात किया गया था. मंत्री पर गोली चलाने से पहले दास ने अपनी बाइक मौके से करीब 50 मीटर दूर रखी थी.

क्या कहा डॉक्टर्स ने...

मंत्री की मौत पर अपोलो अस्पताल की तरफ से बयान जारी किया गया है. इसमें बताया कि स्वास्थ्य मंत्री को सीने में बाएं तरफ गोली लगी थी. यहां अपोलो में डॉ. देबाशीष नायक के नेतृत्व में डॉक्टर्स की एक टीम ने तुरंत इलाज किया और उनका ऑपरेशन किया. ऑपरेशन करने पर पाया गया कि एक ही गोली शरीर में घुसी और निकल गई, जिससे हार्ट और बाएं लंग्स में नुकसान पहुंचा. बेहद ज्यादा इंटरनल ब्लीडिंग हुई.

पीएम से लेकर सीएम तक ने जताया शोक

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब दास के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री ने भी शोक जताया है. ओडिशा सरकार की तरफ से बताया कि स्वास्थ्य मंत्री नब दास को राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया जाएगा. अंतिम संस्कार के दिन राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. पूरे राज्य में 29 जनवरी से 31 जनवरी तक 3 दिनों तक कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं होंगे.

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हेलिकॉप्टर से मौके पर पहुंचे SIT हेड

घटना की जांच CID ​​क्राइम ब्रांच कर रही है. जांच टीम ने ब्रजराजनगर थाना (जिला झारसुगुड़ा) से केस अपने हाथ में ले लिया है. टीम में साइबर एक्सपर्ट, बैलिस्टिक एक्सपर्ट और क्राइम ब्रांच के अफसरों समेत सात सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है. टीम का नेतृत्व डीएसपी रमेश डोरा ओपीएस कर रहे हैं. वो जांच तुरंत शुरू करने के लिए एक विशेष हेलीकॉप्टर के जरिए झारसुगुड़ा पहुंचे हैं. रमेश डोरा के साथ CID क्राइम ब्रांच के ADGP अरुण बोथरा (IPS) भी व्यक्तिगत रूप से जांच का सुपरविजन और मॉनिटरिंग करने के लिए मौके पर गए हैं. पुलिस ने इस मामले में U/S 307 IPC  R/W  27 Arms Act के तहत केस दर्ज किया है.

'मंत्री के साथ एक पुलिस अधिकारी भी हुआ था घायल'

उत्तरांचल के आईजी डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि घटना में मंत्री नब दास और एक पुलिस अधिकारी घायल हुआ है. मंत्री पर हमले में दो गोलियां चली हैं. शुरुआती जांच में सामने आया है कि जब स्वास्थ्य मंत्री किसी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे तभी रिसीविंग के वक्त एक एएसआई ने गोली मार दी. उसी समय अन्य सिपाहियों ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया. क्राइम ब्रांच को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. संबंधित एएसआई को पुलिस ने हिरासत में लिया है. आगे की जांच चल रही है.

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घटना से जुड़ी टाइम लाइन...

- दोपहर 1.00 बजे स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास को गोली मारी.
-दोपहर 1.30 बजे मंत्री को ब्रजराजनगर से झारसुगुड़ा के जिला अस्पताल लाया गया.
- दोपहर 3.00 बजे एयरलिफ्ट कर भुवनेश्वर लाया गया. ग्रीन कोरिडोर के जरिए अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया.
- दोपहर 3.15 बजे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपोलो हॉस्पिटल पहुंचे.
- शाम 4.00 बजे डॉक्टर्स ने मंत्री का ऑपरेशन किया और गोली निकाली.
- शाम 6.45 बजे डॉक्टर्स ने मंत्री के निधन की सूचना दी.
- शाम 8.15 बजे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक फिर हॉस्पिटल पहुंचे और डॉक्टर्स समेत परिजन से बात की. पत्नी और बेटे को सांत्वना दी.

 

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