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अतीक-अशरफ हत्याकांड में बड़ा खुलासा, होटल में शूटर्स के पास नहीं थे माइक-कैमरा, किसी बाहरी ने की थी मदद

अतीक और अशरफ की हत्या करने आए शूटर्स जिस होटल में ठहरे थे, उसके मैनेजर ने अहम जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि शूटर सिर्फ पिट्ठू बैग लेकर आए थे. हत्या से 3 दिन पहले जब वे होटल में रुके थे, तो उनके पास प्रेस आईडी कार्ड, माइक या कैमरा नहीं था. ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या उनकी मदद बाहर से कोई और कर रहा था.

अतीक और अशरफ की हत्या इन्हीं तीनों शूटर्स ने मिलकर की थी. अतीक और अशरफ की हत्या इन्हीं तीनों शूटर्स ने मिलकर की थी.
आशीष श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 5:15 PM IST

पुलिस की सुरक्षा के बीच माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के सनसनीखेज हत्याकांड को शूटर अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने अंजाम दिया था. पत्रकार बनकर पहुंचे तीनों आरोपियों ने अतीक और अशरफ पर उस वक्त ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी, जब दोनों मीडिया से बात करनी शुरू की थी. अतीक और अशरफ की हत्या करने आए शूटरों के बारे में आजतक को अहम जानकारी मिली है. 

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केवल पिट्ठू बैग लेकर होटल आए थे हमलावर  

हत्या से 3 दिन पहले जब वे होटल में रुके थे, तो उनके पास कोई भी आईडी कार्ड, माइक या प्रेस का कैमरा नहीं था. होटल मैनेजर के मुताबिक, बुकिंग के समय वे केवल एक पिट्ठू बैग लेकर आए थे. मगर, हत्या वाले दिन हत्यारे के गले में आईडी कार्ड, हाथ में माइक और कैमरा आ गया था. 

पुलिस का शक- बाहर से कोई कर रहा था शूटरों की मदद 

सवाल यह है कि शूटरों को आखिर वो किसने उपलब्ध करवाया? पुलिस को शक है कि हत्या के दिन कोई और भी इनकी बाहर से मदद कर रहा था. एसआईटी और पुलिस को शक है कि कोई एक प्रयागराज का रहने वाला और एक बाहरी व्यक्ति इनकी मदद कर रहा था. शूटर उनके फोन से ही आगे बात करते थे, जिससे इंस्ट्रक्शन दिए जाते थे. यही वजह है कि शूटरों के पास से भी कोई मोबाइल फोन बरामद नहीं हुआ था.

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16 सेकंड में दागी गई थीं 18 गोलियां 

पुलिस अब आगे की जांच कर रही है. हालंकि, आरोपियों की रिमांड की लेने की अर्जी दी, लेकिन वह खारिज हो गईं है. SIT ने अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद मौका-ए-वारदात का सीसीटीवी फुटेज खंगाला. इसके बाद उन्हें पता चला कि तीनों आरोपियों ने महज 16 सेकेंड में अतीक और अशरफ पर 18 गोलियां दागकर उनकी हत्या कर दी थी. 

उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग का वीडियो भी आया था सामने  

प्रयागराज में उमेशपाल की हत्या से पहले बरेली जेल में अतीक के बेटे असद, शूटर गुलाम, बमबाज गुड्डू मुसलिम और विजय चौधरी उर्फ उस्मान 11 फरवरी को मिलने पहुंचे थे. इसका एक वीडियो भी सामने आया था. इसके 13 दिन बाद यानी 24 फरवरी को ही उमेश पाल की हत्या हुई थी.

अतीक का बेटा बेखौफ सरेआम गोलियां बरसाता सीसीटीवी में कैद हुआ था. उस हत्याकांड के तेरह दिन पहले वो काला चश्मा पहने हुए बरेली जेल में पहुंचा था.

यह तस्वीर 11 फरवरी के सीसीटीवी के फुटेज से निकाली गई है.

उमेश पाल की हत्या के लिए बने थे चार प्लान 

आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक, इन मुलाकातों के दौरान ही उमेशपाल की हत्या के चार प्लान बने थे. प्लान नंबर-1 के मुताबिक G-20 समिट के दौरान अतीक ने उमेश पाल की हत्या की साजिश रची थी. मगर, कुछ शूटरों ने इसके लिए मना कर दिया.

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दूसरे प्लान के तहत प्रयागराज कोर्ट के बाहर हत्या को अंजाम देना था, लेकिन वो फेल हो गया. इसके तीसरे प्लान के तहत प्रयागराज के चौराहे पर हत्या की स्क्रिप्ट लिखी गई, लेकिन ये भी फेल हो गया. इसके बाद उमेश पाल को उसके घर से कुछ दूरी पर ही मारने की योजना बनी और उसे 24 फरवरी को अंजाम भी दिया गया.

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