
आयुषी यादव हत्याकांड का पर्दाफाश हो गया है. पुलिस के मुताबिक पिता ने ही गोली मारकर बेटी को मौत के घाट उतारा था. मां भी इस वारदात में साथ थी. वजह थी कि आयुषी ने परिवार की सहमति के बिना दूसरी जाति के लड़के से शादी कर ली थी. वहीं, ससुराल में न रहकर वह मायके में ही रह रही थी. इसके चलते घर में उसका परिजनों से झगड़ा होता रहता था.
पुलिस ने ऑनर किलिंग मामले की गुत्थी सुलझाते हुए बताया कि मृतका आयुषी के माता-पिता दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि अपराध में इस्तेमाल कार और हथियार भी बरामद कर लिया गया है.
मनमर्जी की शादी से नाराज था परिवार
मथुरा के पुलिस अधीक्षक मार्तंड प्रकाश सिंह ने कहा, आयुषी बालिग थी और उसने घरवालों की इजाजत के बगैर छत्रपाल नाम के प्रेमी से शादी कर ली थी. यह शादी आर्य समाज मंदिर में हुई थी और उसका परिवार इस वजह से नाखुश था. इसके अलावा, वह अक्सर अपने माता-पिता को बताए बिना घर से चली जाती थी. यही नहीं, उसकी शादी हो चुकी थी, लेकिन वह अपने माता-पिता के साथ दिल्ली में ही रह रही थी.
बहस के बीच पिता ने मार दीं गोलियां
इसी बीच, बिना बताए घर से गई आयुषी 17 नवंबर को वापस लौटी तो उसका पिता नीतेश यादव से झगड़ा हुआ. इस दौरान नाराज पिता ने आपा खो दिया और बहस के बीच बेटी को अपनी पिस्तौल से दो गोलियां मार दीं. इस घटना में आयुषी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था.
मां ने भी दिया लाश फेंकने में साथ
इसके बाद पिता ने बेटी के शव को ठिकाने लगाने का दिमाग लगाया. इस वारदात में मां ब्रजबाला यादव ने भी साथ दिया. पहले दोनों ने रात को बेटी का शव अपने घर (बदरपुर, दिल्ली के मोड़बंद गांव) में रखा और इसके बाद लाल रंग के ट्रॉली बैग में लाश को पैक करके अपनी कार से तड़के 3 बजे घर से निकले. फिर करीब 150 किलोमीटर दूर मथुरा जिले के राया इलाके में यमुना एक्सप्रेस वे की सर्विस रोड पर फेंककर वापस दिल्ली लौट आए.
ट्रॉली बैग में मिली थी लाश
गौरतलब है कि 18 नवंबर की सुबह लावारिस ट्रॉली बैग में पॉलिथिन से लिपटी लाश मिली. स्थानीय लोगों ने पुलिस को इस बारे में सूचना दी. केस दर्ज होने के बाद पुलिस की 14 टीमों को मामले की जांच में लगाया गया और उन्होंने हजारों मोबाइल फोन ट्रेस करने शुरू किए. सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले. सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और मृतका की पहचान के लिए दिल्ली में पोस्टर भी लगाए.
अज्ञात फोन कॉल से खुला राज
हालांकि, आयुषी के बारे में पुख्ता जानकारी रविवार सुबह एक अज्ञात कॉलर से मिली और बाद में उसकी मां और भाई ने तस्वीरों के जरिए उसकी पहचान की. पुलिस की टीमें दोनों को शवगृह भी लाईं. उन्होंने पुष्टि की कि यह आयुषी का ही शव है.
गोरखपुर का रहने वाला है परिवार
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि आयुषी का परिवार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बलूनी का मूल निवासी है. पिता नितेश यादव परिवार के साथ रोजगार के सिलसिले में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में रहने आ गए थे. वहीं, आयुषी के बारे में जब पुलिस ने मां और पिता से पूछताछ की, तो उनके बयानों में विसंगति पाई गई, जिससे मामले का पर्दाफाश हो गया और उन्होंने अपनी बेटी की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली.
मां को भी बनाया आरोपी
एसपी के मुताबिक, मां ब्रजबाला यादव ने भले ही अपनी बेटी को गोली नहीं मारी हो, लेकिन वह शव को ठिकाने लगाने में शामिल थी और अपने आरोपी के साथ कार में मथुरा गई थी. इसलिए उसको भी आरोपी बनाया गया है.
माता-पिता को भेजा जेल
मृतका के पिता नितेश यादव और मां ब्रजबाला यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उन पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
DCW ने लिया संज्ञान
इससे पहले दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया और मथुरा पुलिस को एक नोटिस जारी किया, जिसमें नवंबर तक उसके आरोपी पिता नितेश यादव की डिटेल के साथ एफआईआर और ऑटोप्सी रिपोर्ट मांगी गई.