
राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने मंगलवार को बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी प्रकरण में मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा सहित सात आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर करते हुए रिहा करने का आदेश दिया है. हाइकोर्ट जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत में मंगलवार को भंवरी देवी के मामले में पूर्व मंत्री मदेरणा सहित अन्य आरोपियों की ओर से सूचीबद्ध सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हे रिहा करने का आदेश पारित कर दिया है.
पूर्व मंत्री मदेरणा की ओर से अधिवक्ता ने अनुमति लेकर मंगलवार के केस की लिस्ट में करवाया. पहले से ही आरोपी कैलाश जाखड, विशनाराम व अमरचंद की याचिकाएं सूचीबद्ध थीं इसके साथ ही सोहनलाल, शहाबुदीन व बलिया उर्फ बलदेव की ओर से भी मंगलवार को अनुमति लेकर केस लिस्ट करवाया गया.
ऐसे में सभी की जमानत याचिकाओं पर उनके अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा, आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी, नीलकमल बोहरा, प्रदीप सिंह चौधरी, गोकुलेश बोहरा, यशपाल खिलेरी, बीरबल विश्नोई ने पक्ष रखा. जस्टिस दिनेश मेहता ने लम्बी सुनवाई के बाद सभी आरोपियों की जमानत याचिकाए मंजूर कर ली हैं. अब तक इस मामले में इन्द्रा विश्नोई को छोड़कर सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है.
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करीब दस साल बाद लगभग सभी आरोपी जेल से बाहर निकल रहे हैं. जमानत का सिलसिला सुप्रीम कोर्ट से परसराम विश्नोई की जमानत के साथ ही शुरू हुआ जिसमें मंगलवार तक पन्द्रह आरोपियों को जमानत मिल गई है. अब केवल इन्द्रा विश्नोई जोधपुर की सेंट्रल जेल में हैं.
क्या है मामला
जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाने में अमरचंद नाम के एक व्यक्ति ने 01 सितम्बर 2011 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी एएनएम भंवरी देवी लापता है. साथ ही उसने अपनी पत्नी के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा सहित तीन लोगों पर शक जाहिर किया.
इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया. मामले की जांच कुछ आगे बढ़ती इस बीच राज्य सरकार ने बढ़ते विरोध को ध्यान में रख मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने 03 दिसम्बर 2011 को महिपाल मदेरणा से पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बाद में इस मामले में कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई का भी नाम आया. उन्हें भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
इसके अलावा इस मामले में 15 अन्य गिरफ्तारियां भी हुईं तब से मलखान सिंह व महिपाल मदेरणा सहित सभी आरोपी जेल में ही हैं. केवल एक आरोपी को जमानत मिली थी. सीबीआई का दावा है कि भंवरी देवी का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई. बाद में शव को जला कर उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया था.