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'बिकिनी किलर' चार्ल्स शोभराज जेल में जीता था लग्जरी लाइफ, तिहाड़ से कैसे हुआ था फरार

चार्ल्स शोभराज गोवा में ज्यादातर क्राइम करता था और उसके निशाने पर विदेशी लड़कियां रहती थीं. वह उन्हें अपने जाल में फंसाकर लूट की वारदात को अंजाम देता था. तिहाड़ जेल में भी उसे वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता था.

जेल में कैसे चलता था चार्ल्स का साम्राज्य जेल में कैसे चलता था चार्ल्स का साम्राज्य
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:11 AM IST

नेटफ्लिक्स में हाल में आई वेब सीरीज 'ब्लैक वारंट' काफी चर्चा में है. ये सीरीज दिल्ली के तिहाड़ में जेलर रह चुके सुनील गुप्ता की कहानी है. इसमें सुनील गुप्ता की तिहाड़ में जॉइनिंग से लेकर जेल सिस्टम, जेल में गैंगवॉर और जेल सुधार की कहानी दिखाई गई है. लेकिन इन सबसे अलग 'बिकिनी किलर' चार्ल्स शोभराज के किरदार ने दर्शकों का सबसे ज्यादा ध्यान खींचा है. सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे उसे  'सुपर आईजी' तक कहा जाता था और जेलर से लेकर कैदियों तक हर कोई उससे प्रभावित था. 

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तिहाड़ में चलता शोभराज का सिक्का

'लल्लनटॉप' के दिए एक इंटरव्यू में तिहाड़ के पूर्व जेलर सुनील गुप्ता ने बताया कि जेल में चार्ल्स शोभराज का सिक्का चलता था. अपने कार्यकाल को याद करते हुए सुनील गुप्ता ने कहा कि उसको लेडी किलर भी कहते थे. उस टाइम पर तिहाड़ में आईजी सिस्टम था और उसे जेल में आईजी से भी ज्यादा पावरफुल माना जाता था, तभी उसे 'सुपर आईजी' तक कहते थे. यहां तक कि सुनील गुप्ता को जेल में नौकरी दिलाने में भी उसकी अहम भूमिका रही, जिसे वेब सीरीज में भी दिखाया गया है.

सुनील गुप्ता बताते हैं कि चार्ल्स शोभराज काफी प्रभावशाली था, बोलने के अंदाज से लेकर कद-काठी से वह हर किसी को पहली बार में अपने झांसे में ले लेता था. वह बताते हैं कि तिहाड़ में रहने के दौरान चार्ल्स पर दो मर्डर केस चल रहे थे. भारत में वह गोवा में ज्यादातर क्राइम करता था और उसके निशाने पर विदेशी लड़कियां रहती थीं. वह किसी को भी इप्रेस कर सकता था और इसी वजह से लड़कियां उसका आसान टारगेट रहती थीं. पूर्व जेलर ने बताया कि चार्ल्स पहले विदेशी लड़कियों के साथ दोस्ती करता, फिर उन्हें डिनर पर बुलाता था, इसके बाद उन्हें नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर देता था. इसके बाद उनके साथ कुकर्म करता था, यही नहीं उनका कीमती सामान लेकर फरार हो जाता था. इसीलिए उसे 'लेडी किलर' भी कहा जाता था.

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लड़कियों को अपने जाल में फंसाने में माहिर

तिहाड़ के पूर्व जेलर गुप्ता ने बताया कि जेल में रहने के दौरान भी चार्ल्स से जो लड़कियां मिलते आती थीं, उन्हें वह फंसा लेता था. जिस भी दिन जेल में कोई लेडी मिलने आती थी तब चार्ल्स नए कपड़े, जूते, चश्मा और परफ्यूम लगाकर तैयार रहता था. वह इन सबका काफी शौकीन था और जेल में उसका कमरा जूतों और कपड़ों से भरा रहता था, जो उस वक्त गैरकानूनी नहीं था. उन्होंने बताया कि ये साल 1981-82 की बात होगी, तब डिप्टी जेलर रहते हुए चार्ल्स की मुलाकातें मेरी ही कमरे में होती थी. उससे मिलने आई महिला को चार्ल्स अपनी कहानी बताता था, परफ्यूम इतना तेज लगाता था कि दूर बैठे हुए भी मुझे महक आती थी.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार देश में चार्ल्स की गिरफ्तारी 1972 में हुई थी जब इसने दिल्ली में अशोका होटल की एक ज्वैलरी शॉप से गहने उड़ाए थे. इस चोरी को भी उसने होटल की एक डांसर को फंसाकर ही अंजाम दिया था. लेकिन भागते वक्त कमरे में वह अपना पासपोर्ट भूल गया जिससे बाद में इसे गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि पुलिस चार्ल्स को ज्यादा दिन तिहाड़ में नहीं रख पाई और पेट दर्द का बहाना बनाकर वह अस्पताल में भर्ती हुआ और वहां से ही फरार हो गया. इसके बाद दूसरी बार 1976 में फिर इसे दिल्ली में विदेशी टूरिस्ट का पासपोर्ट हथियाने की कोशिश में फेल होने के बाद अरेस्ट किया गया.

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इस रिपोर्ट में पूर्व जेलर सुनील गुप्ता ने बीबीसी को बताया कि चार्ल्स को तिहाड़ में सी क्लास के कैदी नौकर के तौर पर मिले हुए थे, जो उसकी मालिश करते, कपड़े धोते और उसके लिए खाना तक बनाते थे. उसकी सेल किसी स्टूडियो अपार्टमेंट से कम नहीं थी, जिसमें बेड के अलावा, मेज और बैठने के लिए कुर्सियां दी गई थीं. वह जेल के कैदियों और स्टाफ की तरफ से याचिकाएं लिखता था जो कई बार किसी वकील से भी ज्यादा असरदार होती थीं. तिहाड़ में चार्ल्स का रौब ऐसा था कि लोग उसे 'चार्ल्स साहब' बोलते थे.


तिहाड़ से दूसरी बार भाग निकलने के लिए चार्ल्स शोभराज ने बर्थडे पार्टी का सहारा लिया. उसने पार्टी में मिठाई बांटी और सिपाहियों को 50 रुपये का लालच भी दिया. इस मिठाई में नशीला पदार्थ मिला था जिसे खाकर सभी बेहोश हो गए और वह हाई सिक्योरिटी जेल से फरार हो गया. हालांकि इसके 23 दिन बाद ही उसे गोवा में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.  

कैसे बना 'बिकिनी किलर'

चार्ल्स शोभराज अपना हुलिया बदलने में माहिर था और विदेशी महिलाओं को निशाना बनाता था. उस पर भारत और नेपाल समेत कई देशों में हत्या के दर्जनों मामले दर्ज हैं. शोभराज को 1976 में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था. उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था. वह दो बार पुलिस की गिरफ्तर से भागा था. माना जाता है कि 1970 के दशक में चार्ल्स शोभराज ने 15 से 20 लोगों की हत्या की थी. एक बार दो महिलाओं की लाश मिली थी और उन्होंने सिर्फ बिकिनी पहनी थी. इसी के बाद से चार्ल्स शोभराज को 'बिकिनी किलर' कहा जाता था.

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चार्ल्स शोभराज ने तिहाड़ जेल में करीब 20 साल गुजारे और इसके बाद 17 फरवरी 1997 को उसे रिहा कर दिया गया. लेकिन इसके 6 साल बाद उसे 2003 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया और करीब 19 साल बाद वहां से आजाद हुआ. फिर चार्ल्स को फ्रांस भेज दिया गया, जहां वह आज भी रह रहा है. उसका जन्म 6 अप्रैल 1944 में वियतनाम में हुआ था और उस वक्त यह देश फ्रांस के कब्जे में था इसलिए उसके पास यहां की नागरिकता थी. 

 

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