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‘भाई साहब मर जाऊंगा, पैर छू रहा हूं, छोड़ दो...’ रंगे हाथ धरे घूसखोर इंजीनियर का ड्रामा तो देखिए, Video

MP News: भिंड जिले के कलेक्टर के बंगले पर ठेकेदार महेंद्र सिंह ने 3 लाख रुपए का बिजली फिटिंग का काम किया था और फिर बिल पास करवाने के लिए पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री पंकज कुमार गुप्ता की दहलीज पर पहुंचा. लेकिन कार्यपालन यंत्री ने बिल पास करने के एवज में 75000 रुपए की रिश्वत मांग ली. परेशान ठेकेदार ने ₹55000 तो जैसे-तैसे दे दिए.

लोकायुक्त टीम के पैर छूता हुआ एग्जीक्यूटिव इंजीनियर. लोकायुक्त टीम के पैर छूता हुआ एग्जीक्यूटिव इंजीनियर.
हेमंत शर्मा
  • ग्वालियर/भिंड ,
  • 22 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को ग्वालियर में लोक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यपालन यंत्री (EE) पीके गुप्ता को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. घूस लेने के बाद लोकायुक्त टीम की पकड़ में आए आरोपी का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बुरी तरह गिड़गिड़ाते नजर आ रहा है. यहां तक कि गिरफ्तार होने से बचने के लिए आरोपी ने लोकयुक्त पुलिस के पैर तक छुए और ब्लड प्रेशर बढ़ने व हार्ट अटैक आने का नाटक किया. लेकिन लोकायुक्त टीम ने एक न सुनी और इंजीनियर के घूस से रंगे हाथ पानी में धुलवा दिए. पानी का रंग बदलते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. 

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भिंड जिले के कलेक्टर के बंगले पर ठेकेदार महेंद्र सिंह ने 3 लाख रुपए का बिजली फिटिंग का काम किया था और फिर बिल पास करवाने के लिए पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पंकज कुमार गुप्ता की दहलीज पर पहुंचा. लेकिन ईई ने बिल पास करने के एवज में 75000 रुपए की रिश्वत मांग ली. परेशान ठेकेदार ने ₹55000 तो जैसे-तैसे दे दिए. लेकिन इसके बाद भी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर का पैसे का लालच कम नहीं हुआ. परेशान ठेकेदार ने ईई को लोकायुक्त के हाथों पकड़वा दिया.

अधिकारियों ने बुलाए डॉक्टर और एंबुलेंस 

रिश्वत लेते पकड़े जाते ही पीडब्लूडी के ईई पीके गुप्ता ने लोकायुक्त टीम के सामने ब्लड प्रेशर बढ़ने और हार्ट अटैक आने का नाटक किया. लेकिन अधिकारियों ने उसके हाथ नहीं छोड़. साथ ही डॉक्टर और एंबुलेंस का मौके पर ही बुला लिया. डॉक्टर ने आरोपी इंजीनियर का चेकअप भी किया तो कोई समस्या नहीं पाई. इस पूरी कार्रवाई के दौरान आरोपी इंजीनियर खुद को छोड़ने की गुहार लगाता रहा. उसने खुद को निर्दोष बताया और लोकायुक्त टीम के पैर छूने लगा.  देखें Video:-

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महेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि बात 70 हजार रुपए में फाइनल हो गई थी और 55 हजार रुपए उन्होंने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को दे भी दिए. इसके बाद कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता ₹15 हजार और मांगने लगे. परेशान ठेकेदार ने इसकी शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त में जाकर कर दी. इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने महेंद्र सिंह को एक वॉइस रिकॉर्डर दिया और उसमें महेंद्र सिंह ने रिश्वत के लेन-देन की बातचीत रिकॉर्ड कर ली. 

वॉइस रिकॉर्डिंग हासिल होने के बाद लोकायुक्त टीम ने महेंद्र सिंह को रिश्वत के केमिकल लगे ₹15 हजार के नोट देकर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पीके गुप्ता के पास भेजा. ग्वालियर के मेला मैदान में स्थित छतरी नंबर 15 पर पीके गुप्ता से महेंद्र सिंह की मुलाकात हुई. यहां ठेकेदार महेंद्र सिंह ने जैसे ही ₹15000 की रिश्वत पीके गुप्ता के हाथों में थमाई, तभी लोकायुक्त की टीम ने आरोपी पीके गुप्ता को पकड़ लिया.

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