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इंस्पेक्टर सुबोध ही नहीं, यूपी के ये पुलिस अफसर भी बने थे भीड़ का शिकार

यूपी में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का मर्डर, उत्तर प्रदेश में किसी पुलिस अफसर की हत्या का पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी दो बड़े अफसर उग्र भीड़ का शिकार बन चुके हैं.

बुलंदशहर हिंसा के पीछे बजरंग दल के नेता योगेश राज का हाथ बताया जा रहा है (फोटो- आजतक) बुलंदशहर हिंसा के पीछे बजरंग दल के नेता योगेश राज का हाथ बताया जा रहा है (फोटो- आजतक)
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:11 PM IST

बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का मर्डर, उत्तर प्रदेश में किसी पुलिस अफसर की हत्या का पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी यूपी में दो बड़े अफसर उग्र भीड़ का शिकार बन चुके हैं. वजह चाहे जो भी रही हो लेकिन खामियाजा अफसरों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा.

प्रतापगढ़ में DSP की हत्या

प्रतापगढ़ जिले में बलीपुर गांव में शनिवार शाम ग्राम प्रधान और उनके भाई की हत्या की गई थी. इसके बाद कुंडा के DSP जिया उल हक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे. तभी वहां भीड़ जमा होने लगी और अचानक उग्र भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया. हमलावरों ने पुलिस को घेर लिया और पीटना शुरू कर दिया. इसी दौरान डीएसपी जिया उल हक को किसी ने तमंचे से गोली मार दी थी.

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उनके अलावा आठ पुलिसकर्मी भी इस हमले में घायल हो गए थे. इस मामले में यूपी के तत्कालीन मंत्री राजा भैया का नाम आया था. लेकिन सीबीआई ने अपनी जांच में राजा भैया समेत गुलशन यादव, गुड्डू सिंह, रोहित सिंह और हरिओम सिंह को भी क्लीन चिट दे दी थी. साथ ही हत्यारोपी

मथुरा में SP सिटी और SHO का कत्ल

घटना 2 जून 2016 की है. आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही नामक संगठन के करीब 3,000 अनुयायियों ने 260 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा जमा लिया था. पुलिस वहां से अतिक्रमण हटवाने गई थी. तभी संगठन के हजारों अनुयायियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था.

इस हमले में मथुरा के तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एक एसएचओ सहित 24 लोग मारे गए थे. एसपी सिटी की मौत गोली लगने से हुई थी. जबकि कई लोगों ने चोटिल होने के कारण अस्पताल में दम तोड़ा था. ये मामला उस वक्त देशभर में छाया रहा था.

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और अब SHO सुबोध कुमार सिंह का मर्डर

सोमवार यानी 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के गांव महाव में गोकशी की सूचना मिलने पर स्याना थाने के प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह अपने साथ करीब 9 लोगों की टीम लेकर सरकारी टाटा सूमो यूपी13 एजी 0452 से मौके पर पहुंचे. वहां गोकशी के शक में भीड़ जमा थी. भीड़ का नेतृत्व बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज कर रहा था. भीड़ ने जाम लगा रखा था.

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन भीड़ नहीं मानी और पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिस के वाहनों में आग लगा दी. इंस्पेक्टर सुबोध की पिस्टल और मोबाइल लूट लिए गए और उन्हें गोली मार दी गई. जिससे उनकी मौत हो गई. इल्जाम योगेश राज पर है और वो फरार है.

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