
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए. एक जवान अब भी लापता है. उस जवान के बारे में अब तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई. इस बीच ऐसी आशंका भी जताई जा रही है कि हो सकता है कि नक्सलियों ने जवान को बंधक बना लिया हो. लापता जवान के मामले को लेकर सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने आजतक से बातचीत की. उन्होंने बताया, "जो जवान इस वक्त मिसिंग है उसके बारे बारे में कोई ऑथेंटिक जानकारी नहीं मिली है. पर कुछ खबरें और इंटेलिजेंस रिपोर्ट ऐसी हैं जो बता रही हैं कि जवान नक्सली कमांडर हिडमा के कब्जे में है. ये बातें कई सोर्स से भी आई हैं. जवान को ढूंढने के लिए कई ऑपरेशन हमने लॉन्च किए हैं, जो नक्सलियों के बेस हैं. अगर हमारा जवान वहां पर है तो उसको हम लोग छुड़वा लेंगे." उन्होंने ये भी बताया कि सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों को भी शामिल किया गया है और वो लोग नक्सलियों से बात कर रहे हैं.
ऑपरेशन में किसी तरह की चूक नहीं हुईः डीजी
सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने नक्सली ऑपरेशन में किसी भी तरह की चूक से इनकार किया है. उन्होंने कहा, "जब हम नक्सलियों के गढ़ में जाएंगे, तो वहां एंबुश (घेराबंदी) होगी ही, उससे हमें निपटना होगा. उससे निपटने के दौरान ही ये बड़ी घटना हुई है. ये उनका बहुत बड़ा एंबुश था, जिसका हमारे जवानों ने जवाब दिया है. बहादुरी के साथ हमारे जवानों ने नक्सलियों के साथ जहां लड़ाई की. वहीं जो लोग घायल थे उनको भी बचाया है."
उन्होंने कहा, "हमारे पास जो इंटेलिजेंस इनपुट था और जिस तरीके से नक्सलियों के होने की बात थी, उसके हिसाब से हमने ऑपरेशन को लॉन्च किया था. जितने सीनियर को जाना था, उतने सीनियर गए थे. हमारी प्लानिंग में किसी भी तरीके की कमी नहीं थी. नक्सली हिडमा के खिलाफ ऑपरेशन किस तरीके का होगा इसका ऑपरेशन डिटेल तो नहीं बता सकता, लेकिन जिस तरीके की इंटेलिजेंस होगी और जिस तरीके का खतरा होगा, उसी तरीके का ऑपरेशन किया जाएगा."
जल्द मारे जाएंगे सारे नक्सली
डीजी ने कहा, "हिडमा का बीजापुर और सुकमा बॉर्डर का एरिया है और ये इसकी लास्ट लड़ाई है. अब वो सिर्फ 40 बाई 40 के एरिया में सिमट चुका है और उनको जल्द ही ढेर किया जाएगा. हिडमा के खिलाफ ऑपरेशन लगातार चलता रहेगा, लेकिन ये मैं नहीं कह सकता हूं कि वो कब मारा जाएगा, पर वो (नक्सली) उस एरिया में सिकुड़ते जा रहे हैं जहां से वो बच नहीं पाएंगे." उन्होंने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ 2017 से ऑपरेशन प्रहार चलाया जा रहा है और आने वाले दिनों में इस ऑपरेशन को और तेज किया जाएगा.
तीन दिन से लापता है एक जवान
बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो चुके हैं. जम्मू के एक जवान राकेश्वर सिंह मनहास अब भी लापता हैं और उनके बारे में अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है. कुछ स्थानीय नागरिकों और स्थानीय पत्रकारों ने दावा किया है कि लापता जवान नक्सलियों के कब्जे हैं. हालांकि, अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली कमांडर हिडमा के छिपे होने की जानकारी सुरक्षाबलों को मिली थी. जिसके बाद सुरक्षाबलों ने बीजापुर और सुकमा बॉर्डर पर पड़ने वाले जोनागुडा इलाके में ऑपरेशन शुरू किया. लेकिन तभी नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षाबलों पर हमला किया. पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और तीसरा देसी रॉकेट लॉन्चर से. इस हमले में 200 से 300 नक्सलियों के शामिल थे. इस हमले में 22 जवानों के शहीद होने की पुष्टि हो चुकी है. एक जवान अब भी लापता है. 31 जवान घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है. करीब 15 नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है.