
यूपी में कभी दहशत का दूसरा नाम था अतीक अहमद. मगर, आज वह अपनी जान की भीख मांग रहा है. वो गिड़गिड़ा रहा है. कह रहा है कि माफियागीरी खत्म तो हो गई... अब रगड़ रहे हैं... मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो चुका है... परिवार को मिट्टी में मिला तो दिया. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वह वाकई में डरा हुआ है या विक्टिम कार्ड खेल रहा है? इस बारे में क्लिनिकल साइकोलॉजी के एक्सपर्ट डॉ. कृष्णा दत्त ने आजतक से विशेष बातचीत की है.
उमेश पाल हत्याकांड में नाम सामने आने के बाद बीते दिनों में माफिया डॉन अतीक अहमद ने मीडिया में इस तरह की कई बयानबाजी की है. उसने कहा कि उसके परिवार को इसमें न घसीटा जाए. न्याय व्यवस्था पर उसे पूरा भरोसा है. डॉक्टर कृष्णा दत्त ने इन बयानों के आधार पर अतीक के क्रिमिनल माइंडसेट को समझाया है.
उन्होंने कहा कि अतीक की बॉडी लैंग्वेज बताती है कि वह हमदर्दी लेने का प्रयास कर रहा है. अतीक के जवाब देने के बाद जब असद पर सवाल किया गया, तो वह भड़क गया. यह दिखाता है कि उसका दिमाग अभी भी सचेत है.
बॉडी लैंग्वेज बताती है कि दबाव में है अतीक
अपराधी हो या आम इंसान सबका मानव मनोवैज्ञानिक एक सा ही होता है. अतीक भी एक इंसान है और इंसान जब गिरता है, तो उसका मनोविज्ञान भी बदलता है. उसकी बॉडी लैंग्वेज दिखाती है कि वह दबाव में है. सामान्य व्यक्ति की तरह वो बात करा है, जिसमें कह रहा है कि हमारे बीवी बच्चों को परेशान न किया जाए.
क्या इस शख्स ने कभी दूसरों के बीवी बच्चों पर रहम किया होगा? वह माफिया अगर इस तरीके के बयान या बात कहें, तो उसके मनोविज्ञान को समझा जा सकता है. इससे साफ पता चलता है कि अतीक दबाव में है.
विक्टिम कार्ड खेल रहा है डॉन अतीक
अपने ऊपर दबाव बनाने की बात कहकर वह एक तरीके से विक्टिम कार्ड खेल रहा है. वह अपने इन बयानों से डर और दहशत की बात को दिखाने की कोशिश कर रहा है. इस समय डरे हुए सामान्य इंसान की तरह मानसिक स्थिति नजर आती है. उसका आपराधिक इतिहास रहा है, इसलिए उसे कुरेदने पर चेहरे पर गुस्सा आ जाता है.
न्यायिक प्रक्रिया खींचने की है कोशिश
उसे लग रहा है कि वह सारे प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके और प्रयास शायद सफल नहीं होंगे. मीडिया के इस्तेमाल से सरकार उस पर दबाव न बनाएं, उसकी कोशिश भी कर रहा है. अतीक का एक मकसद साफ नजर आता है कि किसी भी तरीके से न्यायिक प्रक्रिया खिंचती रहे. जान बचाने के अंतिम प्रयास के तरीके के रूप में इसको देखा जा सकता है, जो उसके चेहरे के हाव-भाव और हाथों की हरकतें बताती हैं.
उसे आभास है कि अब उसका परिवार बचने वाला नहीं
जब सामने मौत दिखती है, तो कोई और इंसान एक सामान्य और निर्भीक प्राणी जैसा दिखता है. मगर, अतीक का इतना लंबा ट्रैक रिकॉर्ड है, इसलिए क्षण भर में नाटकीय ढंग से अपनी भावनाओं को बदलने की भी वह क्षमता रखता है. अतीक के चेहरे से साफ झलक रहा है कि उसे इस बात का आभास है कि वह और उसका परिवार अब बचने वाला नहीं है और उसे आगे सजा के तौर पर परिणाम भुगतने होंगे.
विचारधारा से मेल नहीं खाता अतीक का बयान
बाइट के दौरान अतीक कह रहा है कि मुझे न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा है. जिस व्यक्ति का ट्रैक रिकॉर्ड एक माफिया के तौर पर है, ऐसे में यह बात उसकी वैचारिकता से मेल नहीं खाती. ऐसे में इसे समझ सकते हैं कि परिवार का हवाला देकर वह बचने का आखिरी प्रयास कर रहा है.
नैनी जेल पहुंचा अतीक अहमद
उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी माफिया अतीक अहमद को फिर से प्रयागराज लाया जा रहा है. वह बुधवार 12 अप्रैल को शाम को नैनी जेल में पहुंच गया. अतीक अहमद को लाने के लिए प्रयागराज से साबरमती जेल के लिए 37 पुलिसकर्मियों के साथ दो पुलिस वैन और दो एस्कॉर्ट गाड़ी भेजी गई थीं. इन्हीं गाड़ियों से अतीक अहमद मंगलवार को 1275 किलोमीटर की प्रयागराज यात्रा पर निकला था.
अतीक के भाई अशरफ को भी बरेली जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. इन सबके बीच अतीक के भाई अशरफ की बीवी और करीबियों पर शिकंजा कसा गया है. बताते चलें कि 24 फरवरी को उमेशपाल की हत्या के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कसम खाई थी कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. मुख्यमंत्री का यही बयान अतीक को बार-बार याद आ रहा है. वह कह रहा है कि मिट्टी में तो मिल गए हैं.