
Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में परिवार संबंधी वाद विवाद को कानूनी प्रावधान से निपटाने के लिए कई धाराएं मौजूद हैं. ठीक इसी तरह से CrPC की धारा 128 (Section 128) में भरण पोषण के आदेश के प्रवर्तन का प्रावधान किया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 128 इस बारे में क्या जानकारी देती है?
सीआरपीसी की धारा 128 (CrPC Section 128)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1973) की धारा 128 (Section 128) में भरण पोषण के आदेश (maintenance orders) के प्रवर्तन को लेकर प्रावधान किया गया है. CrPC की धारा 128 के अनुसार, यथास्थिति (Remain so), भरणपोषण (Maintenance) या अंतरिम भरणपोषण (Interim maintenance) और कार्यवाहियों के व्ययों (Expenses of proceedings) के आदेश की प्रति (Copy of order), उस व्यक्ति को, जिसके पक्ष में वह दिया गया है या उसके संरक्षक (Custodian) को, यदि कोई हो, या उस व्यक्ति को, ‘जिसे, यथास्थिति, भरणपोषण के लिए भत्ता या अंतरिम भरणपोषण के लिए भत्ता और कार्यवाही के लिए व्यय (Cost of proceeding) दिया जाना है, नि:शुल्क दी जाएगी और ऐसे आदेश का प्रवर्तन (Enforcement of order) किसी ऐसे स्थान में, जहां वह व्यक्ति है. जिसके विरुद्ध वह आदेश दिया गया था, किसी मजिस्ट्रेट (Magistrate) द्वारा पक्षकारों को पहचान के बारे में और यथास्थिति, देय भत्ते या व्ययों के न दिए जाने के बारे में ऐसे मजिस्ट्रेट का समाधान हो जाने पर किया जा सकता है.
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क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.