
Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में अदालत (Court) और पुलिस (Police) के लिए कई तरह के कानूनी प्रावधान (Legal provision) किए गए हैं. इसी प्रकार सीआरपीसी की धारा 188 के अधीन उस अपराध को परिभाषित किया गया है, जो भारत की सीमा से बाहर किया गया हो. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 188 इस बारे में क्या प्रावधान करती है?
सीआरपीसी की धारा 188 (CrPC Section 188)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1975) की धारा 188 भारत से बाहर किए गए अपराध के संबंध में प्रावधान करती है. CrPC की धारा 188 के मुताबिक, जब कोई अपराध भारत से बाहर-
(क) भारत के किसी नागरिक की ओर से किया जाए, चाहे वह समुद्र पर किया गया हो या किसी अन्य जगह
(ख) किसी व्यक्ति की ओर से जो भारत का नागरिक नहीं है, भारत में पंजीकृत किसी पोत या विमान पर अपराध किया जाता है. तब उस अपराध के बारे में उसके विरुद्ध ऐसी कार्यवाही की जा सकती है मानो वह अपराध भारत के अंदर उस स्थान पर किया गया है जहां वह पाया गया है.
इस अध्याय की पूर्ववर्ती धाराओं में से किसी बात के होते हुए भी, ऐसे किसी अपराध की भारत में जांच या उसका विचारण केंद्रीय सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना नहीं किया जाएगा.
क्या है दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC)
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये मुख्य कानून है. यह सन् 1973 में पारित हुआ था. इसे देश में 1 अप्रैल 1974 को लागू किया गया. दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम 'सीआरपीसी' है. सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है.
CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं. एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्यौरा दिया गया है. CrPC में अब तक कई बार संशोधन (Amendment) भी किए जा चुके हैं.