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CrPC Section 189: भारत के बाहर किए गए जुर्म से जुड़े सबूत लेना बताती है ये धारा

सीआरपीसी की धारा 189 के तहत भारत के बाहर किए गए अपराधों के बारे में साक्ष्य लेने के संबंध में प्रावधान किया गया है. चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 189 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

भारत के बाहर किए गए जुर्म के सबूत से जुड़ी है ये धारा भारत के बाहर किए गए जुर्म के सबूत से जुड़ी है ये धारा
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST
  • भारत के बाहर किए गए अपराध से जुड़ी है ये धारा
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में कोर्ट (Court) और पुलिस (Police) के लिए विभिन्न प्रकार के कानूनी प्रावधान (Legal provision) किए गए हैं. इसी प्रकार सीआरपीसी की धारा 189 के तहत भारत के बाहर किए गए अपराधों के बारे में साक्ष्य लेने के संबंध में प्रावधान किया गया है. चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 189 इस बारे में क्या जानकारी देती है?  
 
सीआरपीसी की धारा 189 (CrPC Section 189)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1975) की धारा 189 में भारत के बाहर किए गए अपराधों के बारे में साक्ष्य लेना (Receipt of evidence) बताया गया है. CrPC की धारा 189 के अनुसार, जब किसी ऐसे अपराध (Offence) की, जिसका भारत से बाहर किसी क्षेत्र में किया जाना अभिकथित (Alleged) है, जांच या विचारण (inquiry or trial) धारा 188 के उपबन्धों के अधीन किया जा रहा है तब, यदि केन्द्रीय सरकार (Central Government) उचित समझे तो यह निदेश दे सकती है कि उस क्षेत्र में या उस क्षेत्र के लिए न्यायिक अधिकारी (Judicial officer) के समक्ष या उस क्षेत्र में या उस क्षेत्र के लिए भारत के राजनयिक (Diplomat) या कौंसलीय प्रतिनिधि (Consular representative) के समक्ष दिए गए अभिसाक्ष्यों (Evidences) की या पेश किए गए प्रदर्शों की प्रतियों को ऐसी जांच या विचारण करने वाले न्यायालय (Court) द्वारा किसी ऐसे मामले में साक्ष्य के रूप में लिया जाएगा, जिसमें ऐसा न्यायालय ऐसी किन्हीं बातों के बारे में जिनसे ऐसे अभिसाक्ष्य या प्रदर्श सम्बन्धित हैं साक्ष्य लेने के लिए कमीशन जारी कर सकता है.

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क्या है दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC)
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये मुख्य कानून है. यह सन् 1973 में पारित हुआ था. इसे देश में 1 अप्रैल 1974 को लागू किया गया. दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम 'सीआरपीसी' है. सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. 
 
CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है. CrPC में अब तक कई बार संशोधन (Amendment) भी किए जा चुके हैं.

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