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CrPC Section 10: जानें, क्या होती है सीआरपीसी की धारा 10?

सीआरपीसी की धारा 10 के तहत सहायक सेशन न्यायाधीशों का अधीनस्थ होना बताया गया है. और सहायक सेशन न्यायाधीश (Assistant Sessions Judge) और सेशन जज (Sessions Judge) से संबंधित जानकारी दी गई है. आइए जानते हैं कि CrPC की धारा 10 (Section 10) है क्या?

CrPC की धारा 10 सहायक सेशन न्यायाधीश से संबंधित है CrPC की धारा 10 सहायक सेशन न्यायाधीश से संबंधित है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 02 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST
  • सेशन जज से संबंधित है CrPC की धारा 10
  • सहायक सेशन जज के बारे में है धारा 10
  • 1974 में लागू हुई थी CrPC

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) यानी सीआरपीसी (CrPC) में न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) से जुड़े कई शब्दों और पदों के संदर्भ में जानकारी देती है. सीआरपीसी की धारा 10 के तहत सहायक सेशन न्यायाधीशों का अधीनस्थ होना बताया गया है. और सहायक सेशन न्यायाधीश (Assistant Sessions Judge) और सेशन जज (Sessions Judge) से संबंधित जानकारी दी गई है. आइए जानते हैं कि CrPC की धारा 10 (Section 10) है क्या? 

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सीआरपीसी की धारा 10 (CrPC Section 10)

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 10 (Section 10) में सहायक सेशन न्यायाधीशों का अधीनस्थ होना बताया गया है. CrPC की धारा 10 के अनुसार (1) सब सहायक सेशन न्यायाधीश उस सेशन न्यायाधीश के अधीनस्थ होंगे, जिसके न्यायालय में वे अधिकारिता का प्रयोग करते हैं. (2) सेशन न्यायाधीश ऐसे सहायक सेशन न्यायाधीशों में कार्य के वितरण के बारे में इस संहिता से संगत नियम, समय-समय पर बना सकता है.
 
(3) सेशन न्यायाधीश, अपनी अनुपस्थिति में या कार्य करने में असमर्थता की स्थिति में, किसी अर्जेण्ट आवेदन के अपर या सहायक सेशन न्यायाधीश द्वारा, या यदि कोई अपर या सहायक सेशन न्यायाधीश न हो तो, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा निपटाए जाने के लिए भी व्यवस्था कर सकता है और यह समझा जाएगा कि ऐसे प्रत्येक न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को ऐसे आवेदन पर कार्यवाही करने की अधिकारिता है.

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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)

सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. दंड प्रिक्रिया संहिता यानी CrPC में 37 अध्याय हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं आती हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC

सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.

 

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