
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धाराओं में पुलिस (Police) और अदालत (Court) के काम की प्रक्रिया के दौरान प्रयोग की जाने वाली कानूनी प्रक्रियाओं (Legal procedures) के बारे में जानकारी मौजूद है. ऐसे ही सीआरपीसी (CrPC) की धारा 107 (Section 107) अन्य मामलों में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा का प्रावधान करती हैं. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 107 इस बारे में क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 107 (CrPC Section 107)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Proced) की धारा 107 (Section 107) के तहत अन्य दशाओं में परिशांति कायम रखने के लिए प्रतिभूति यानी अन्य मामलों में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा का प्रावधान किया गया है. CrPC की धारा 107 के मुताबिक-
(1) जब किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) को इत्तिला (Information) मिलती है कि संभाव्य है कि कोई व्यक्ति परिशांति भंग (Disturb the peace) करेगा या लोक प्रशांति विक्षुब्ध (Public peace disturbed) करेगा या कोई ऐसा सदोष कार्य (Wrongdoing) करेगा जिससे संभाव्यतः परिशांति भंग हो जाएगी या लोक प्रशांति विक्षुब्ध हो जाएगी तब यदि उसकी राय में कार्यवाही (Proceeding) करने के लिए पर्याप्त आधार (Sufficient grounds) है तो वह्, ऐसे व्यक्ति से इसमें इसके पश्चात उपबंधित रीति (Manner provided) से अपेक्षा कर सकता है कि वह कारण दर्शित (Cause shown) करे कि एक वर्ष से अनधिक की इतनी अवधि के लिए, जितनी मजिस्ट्रेट (Magistrate) नियत करना ठीक समझे, परिशांति कायम रखने के लिए उसे प्रतिभुओं सहित या रहित (with or without securities) बंधपत्र निष्पादित करने (to execute a bond) के लिए आदेश क्यों न दिया जाए.
(2) इस धारा के अधीन कार्यवाही (proceeding under section) किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) के समक्ष तब की जा सकती है जब या तो वह स्थान जहां परिशांति भंग या विक्षोभ की आशंका है, उसकी स्थानीय अधिकारिता (Local jurisdiction) के अंदर है या ऐसी अधिकारिता के अंदर कोई ऐसा व्यक्ति है, जो ऐसी अधिकारिता के परे संभाव्यतः परिशांति भंग (Likely breach of the peace) करेगा या लोक प्रशांति विक्षुब्ध करेगा या यथापूर्वोक्त कोई सदोष कार्य (any wrongdoing as aforesaid) करेगा.
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क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.