
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धाराओं में पुलिस (Police) और अदालत (Court) के काम की प्रक्रिया के दौरान प्रयोग की जाने वाली कानूनी प्रक्रियाओं (Legal procedures) के बारे में जानकारी मौजूद है. ऐसे ही सीआरपीसी (CrPC) की धारा 109 (Section 109) संदिग्ध व्यक्तियों से अच्छे व्यवहार के लिए सुरक्षा का प्रावधान करती हैं. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 109 इस बारे में क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 109 (CrPC Section 109)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1973) की धारा 109 (Section 109) में संदिग्ध व्यक्तियों से सदाचार के लिए प्रतिभूति या यूं कहें कि संदिग्ध व्यक्तियों से अच्छे व्यवहार के लिए सुरक्षा का प्रावधान मिलता है. CrPC की धारा 109 के अनुसार, जब किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) को सूचना मिलती है कि कोई अनजान व्यक्ति उसकी स्थानीय अधिकारिता (Local jurisdiction) के अन्दर अपनी पहचान एवं उपस्थिति छुपाने के लिए पूर्वावधान (Precautions) बरत रहा है एवं विश्वास है कि वह किसी गंभीर अपराध (Serious offence) को अंजाम दे सकता है. तब कार्यपालक मजिस्ट्रेट ऐसे व्यक्ति को न्यायालय (Court) में बुलाकर एक वर्ष से कम का जमानत बन्ध-पत्र (Bail bond) लेगा. अर्थात ऐसे व्यक्ति से मजिस्ट्रेट अपेक्षा करेगा कि वह ऐसे कोई को अंजाम नहीं देगा एवं अगर वह बंधपत्र का उल्लंघन करता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार (Arrest) कर लिया जाएगा.
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क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसका फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.