
Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता में कोर्ट (Court) और मजिस्ट्रेट (Magistrate) से संबंधित प्रावधान (Provision) मिलते है. इसी प्रकार सीआरपीसी (CrPC) की धारा 21 (Section 21) विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Special Executive Magistrate) और उनकी कोर्ट (Court) के बारे में जानकारी देती है. आइए जानते हैं कि CrPC की धारा 21 (Section 21) क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 21 (CrPC Section 21)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 21 (Section 21) विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Special Executive Magistrate) के पद को परिभाषित करती नजर आती है. सीआरपीसी (CrPC) की धारा 21 के अनुसार राज्य सरकार (State Government) विशिष्ट क्षेत्रों के लिए या विशिष्ट कृत्यों (Specific acts) का पालन करने के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेटों (Executive Magistrates) को, जो विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Special Executive Magistrate) के रूप में ज्ञात होंगे, इतनी अवधि के लिए जितनी वह उचित समझे, नियुक्त कर सकती है और इस संहिता के अधीन कार्यपालक मजिस्ट्रेटों को प्रदत्त की जा सकने वाली शक्तियों (Powers) में से ऐसी शक्तियां, जिन्हें वह उचित समझे, इन विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेटों (Executive Magistrate) को प्रदत्त कर सकती है.
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. दंड प्रिक्रिया संहिता यानी CrPC में 37 अध्याय हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं आती हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.
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