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CrPC Section 23: जानें, क्या है सीआरपीसी की धारा 23?

CrPC में धारा 23 (Section 23) कार्यपालक मजिस्ट्रेटों (Executive Magistrate) के बारे में जानकारी देती है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 23 (Section 23) क्या बताती है?

CrPC की धारा 23 कार्यपालक मजिस्ट्रेट के संबंध में है  CrPC की धारा 23 कार्यपालक मजिस्ट्रेट के संबंध में है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:24 PM IST
  • CrPC की धारा 23 कार्यपालक मजिस्ट्रेट के संबंध में है
  • अधीनस्थता को परिभाषित करती है धारा 22
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी

Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता में मजिस्ट्रेट (Magistrate) और अदालत (Court) की प्रक्रिया और उनसे जुड़े प्रावधान (Provision) मिलते हैं. CrPC में धारा 23 (Section 23) कार्यपालक मजिस्ट्रेटों (Executive Magistrate) के बारे में जानकारी देती है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 23 (Section 23) क्या बताती है?

सीआरपीसी की धारा 23 (CrPC Section 23)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 23 (Section 23) हमें 'कार्यपालक मजिस्ट्रेट का अधीनस्थ होना' (Subordination of Executive Magistrates) बताती है और उसे परिभाषित करती है.

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(1) अपर जिला मजिस्ट्रेटों (Additional District Magistrates) से भिन्न सब कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Sub Executive Magistrate), जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) के अधीनस्थ (Subordinate) होंगे और (उपखंड मजिस्ट्रेट से अलग) प्रत्येक कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate), जो उपखंड में शक्ति (Power) का प्रयोग कर रहा है, जिला मजिस्ट्रेट के साधारण नियंत्रण के अधीन रहते हुए, उपखंड मजिस्ट्रेट (Sub-Divisional Magistrate) के भी अधीनस्थ होगा.

(2) जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) अपने अधीनस्थ (Subordinate) कार्यपालक मजिस्ट्रेटों (Executive Magistrates) में कार्य के वितरण के बारे में और अपर जिला मजिस्ट्रेट (Additional District Magistrate) को कार्य के आवंटन के बारे में समय-समय पर इस संहिता से संगत नियम बना सकता है या विशेष आदेश दे सकता है.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 22: जानिए, क्या है सीआरपीसी की धारा 22? 

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

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1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.
 

 

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