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CrPC Section 25: जानिए, क्या है सीआरपीसी की धारा 25?

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 25 (Section 25) सहायक लोक अभियोजक (Assistant Public Prosecutors) से संबंधित है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 25 (Section 25) क्या बताती है?

सहायक लोक अभियोजक को परिभाषित करती है CrPC की धारा 25 सहायक लोक अभियोजक को परिभाषित करती है CrPC की धारा 25
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST
  • सहायक लोक अभियोजक को परिभाषित करती है CrPC की धारा 25
  • 1974 में लागू हुई थी सीआरपीसी

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में अदालत (Court) और प्रशासन (Administration) से जुड़ी प्रक्रिया और उनसे जुड़े प्रावधान (Provision) मौजूद हैं. सीआरपीसी (CrPC) की धारा 25 (Section 25) सहायक लोक अभियोजक (Assistant Public Prosecutors) से संबंधित है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 25 (Section 25) क्या बताती है?

सीआरपीसी की धारा 25 (CrPC Section 25)
Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता में धारा 25 (Section 25) सहायक लोक अभियोजक (Assistant Public Prosecutors) से संबंधित है. (1) राज्य सरकार (State Government) प्रत्येक जिले में मजिस्ट्रेटों के न्यायालयों (Courts of Magistrates) में अभियोजन (prosecutions) का संचालन करने के लिए एक या अधिक सहायक लोक अभियोजक (Assistant Public Prosecutors) नियुक्त करेगी. (1क) केंद्रीय सरकार  (Central Government) मजिस्ट्रेट के न्यायालय (Courts of Magistrates) में किसी मामले या किसी वर्ग के मामलों के संचालन के प्रयोजनों के लिए एक या अधिक सहायक लोक अभियोजक (Assistant Public Prosecutors) नियुक्त कर सकती है.
 
(2) जैसा उपधारा (3) में उपबंधित है उसके सिवाय, कोई भी पुलिस अधिकारी (Police Officer) सहायक लोक अभियोजक (Assistant Public Prosecutor) के रूप में नियुक्त होने के लिए पात्र (Eligible) नहीं होगा.

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(3) जहाँ कोई सहायक लोक अभियोजक (Assistant Public Prosecutor) किसी विशिष्ट मामले के प्रयोजनों (Purposes) के लिए उपलब्ध नहीं है, वहां जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) किसी अन्य व्यक्ति को उस मामले का भारसाधक सहायक लोक अभियोजक (Assistant Public Prosecutor in charge) नियुक्त कर सकता है. परंतु कोई पुलिस अधिकारी (Police Officer) इस प्रकार नियुक्त नहीं किया जाएगा.

(क) यदि उसने उस अपराध के अन्वेषण (crime investigation) में कोई भाग लिया है, जिसके बारे में आयुक्त अभियोजित किया जा रहा है, या (ख) यदि वह निरीक्षक (Inspector) की रैंक (Rank) से नीचे का है.

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

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1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.
 

 

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