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CrPC Section 3: जानें, क्या है सीआरपीसी की धारा 3, क्या है प्रावधान

CrPC की धाराएं पुलिस को काम करने में मदद तो करती ही हैं, साथ ही कई कानूनी निर्देशों को समझने के प्रावधान भी बताती हैं. सीआरपीसी की धारा 1 और 2 बारे में हम आपको बता चुके हैं. अब हम बात करेंगे CrPC की धारा 3 (Section 3) के बारे में.

CrPC पुलिस को पीड़ित और आरोपी दोनों के लिए अलग-अलग प्रक्रिया समझाती है CrPC पुलिस को पीड़ित और आरोपी दोनों के लिए अलग-अलग प्रक्रिया समझाती है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:20 PM IST
  • 'निर्देशों का अर्थ' समझाती है धारा 3
  • CrPC में मौजूद हैं 37 अध्याय
  • 1 अप्रैल 1974 को लागू हुई थी CrPC

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) यानी सीआरपीसी (CrPC) की धाराएं पुलिस को काम करने में मदद तो करती ही हैं, साथ ही अदालत के निर्देशों को समझने के प्रावधान भी बताती हैं. सीआरपीसी की धारा 1 और 2 बारे में हम आपको बता चुके हैं. अब हम बात करेंगे CrPC की धारा 3 (Section 3) के बारे में. 

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 3 (सेक्शन 3)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 3 में 'निर्देशों का अर्थ' लगाने संबंधी प्रावधान किए गए हैं. इस सेक्शन में मजिस्ट्रेट संबंधी निर्देशों का अर्थ और संदर्भ परिभाषित किए गए हैं. इसमें महानगर क्षेत्र और बाहरी क्षेत्र के न्यायिक मजिस्ट्रेट के प्रति निर्देशों को समझने के अर्थ विस्तार से मिलते हैं. 

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सीआरपीसी की धारा 3 में महानगर क्षेत्र, महानगर मजिस्ट्रेट, द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट, द्वितीय वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट, अधिकारिता, तृतीय वर्ग मजिस्ट्रेट, प्रेसिडेंसी मजिस्ट्रेट, मुख्य प्रेसिडेंसी मजिस्ट्रेट, मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट, साक्ष्य, सूक्ष्म परीक्षण, दंड, अन्वेषण, जांच, विचारण, अभिरक्षा, कृत्य, प्रशासनिक या कार्यपालक प्रकार, अनुज्ञप्ति का अनुदान, अनुज्ञप्ति का निलंबन या रद्द किया जाना, अभियोजन की मंजूरी या अभियोजन वापसी आदि के संदर्भ और अर्थ मिलते हैं. 

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 2: जानिए क्या होती है सीआरपीसी की धारा 2, क्या है प्रावधान

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) का अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. दंड प्रिक्रिया संहिता यानी CrPC में 37 अध्याय हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं आती हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

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1974 में लागू हुई थी CrCP
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.

 

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