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CrPC Section 32: जानिए, क्या है सीआरपीसी की धारा 32?

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 32 (Section 32) शक्तियां प्रदान करने का ढंग (Manner of conferring powers) के बारे में बताती है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 32 (Section 32) क्या कहती है?

सीआरपीसी की धारा 32 शक्ति प्रदान करने से संबंधित है सीआरपीसी की धारा 32 शक्ति प्रदान करने से संबंधित है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST
  • शक्तियां प्रदान करने से संबंधित है CrPC की धारा 32
  • शक्तियां प्रदान करने के प्रावधान बताती है ये धारा
  • 1974 में लागू हुई थी सीआरपीसी

Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता में कोर्ट (Court) के आदेश (Order) और फैसलों (Verdict) से जुड़ी प्रक्रिया (Procedure) और उनसे जुड़े प्रावधान (Provision) मिलते हैं. ऐसे ही सीआरपीसी (CrPC) की धारा 32 (Section 32) शक्तियां प्रदान करने का ढंग (Manner of conferring powers) के बारे में बताती है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 32 (Section 32) क्या कहती है?

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सीआरपीसी की धारा 32 (CrPC Section 32)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 32 (Section 32) 'शक्तियां प्रदान करने का ढंग' (Mode of conferring powers) बताती हैं. जिसमें इसका प्रावधान (Provision) भी किया गया है. CrPC की धारा 32 के मुताबिक -

(1) इस संहिता के अधीन शक्तियां प्रदान (Conferring Powers) करने में, यथास्थिति, उच्च न्यायालय (High Court) या राज्य सरकार (State Government) व्यक्तियों को विशेषतया नाम से (Specially by name) या उनके पद के आधार पर (by virtue of their position) अथवा पदधारियों के वर्गों को साधारणतया उनके पदीय अभिधानों से (or classes of incumbents generally by their official designations), आदेश द्वारा (by order), सशक्त कर सकती (can empower) है.

(2) ऐसा प्रत्येक आदेश (Every such order) उस तारीख (Date) से प्रभावी (Effect) होगा, जिस तारीख को वह ऐसे सशक्त किए गए व्यक्ति को संसूचित किया जाता (communicated to the person so empowered) है.

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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.

 

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