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दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में अदालत (Court) और पुलिस (Police) के काम करने की प्रक्रिया(Process) के बारे में जानकारी (information) शामिल की गई है. जिसमें सीआरपीसी (CrPC) की धारा 53 (Section 53) में पुलिस अधिकारी (Police officer) की प्रार्थना (Request) पर अभियुक्त (Accused) का मेडिकल कराए जाने संबंधी प्रावधान (provisions) दिया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 53 इस बारे में क्या बताती है?
सीआरपीसी की धारा 53 (CrPC Section 53)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 53 (Section 53) में अधिकारी की प्रार्थना पर डॉक्टर द्वारा अभियुक्त का परीक्षण किए जाने संबंधी जानकारी दी गई है. CrPC की धारा 53 के मुताबिक-
(1) जब कोई शख्स (person) किसी ऐसे हालात (circumstance) में संगीन अपराध (serious offense) को अंजाम (commits) देता है, जिसमें पुलिस (Police) को यह यकीन हो कि उसका मेडिकल परीक्षण (medical tests) कराने से अपराध (Crime) किए जाने के बारे में सबूत (evidence) मिल सकता है, तो ऐसे में पुलिस अधिकारी (Police officer), जो कि उप निरीक्षक (sub Inspector) से नीचे की रैंक का न हो, उसकी प्रार्थना (Request) पर रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा-व्यवसायी विधिपूर्ण तरीके (lawful methods) से गिरफ्तार (arrest) किए गए व्यक्ति का ऐसा चिकित्सा परीक्षण (medical examination) करेगा, जिससे ऐसे तथ्यों को उजागर किया जा सके, जो मामले से संबंधित सबूत प्रदान कर सकें. इस प्रक्रिया में अभिनिश्चित (ascertained) करने के लिए उचित रूप से आवश्यक है और उतना बल प्रयोग करें, जितना उस प्रयोजन (Purpose) के लिए उचित रूप से आवश्यक (Necessary) है.
(2) अगर ऐसे ही मामले में अभियुक्त (Accused) कोई महिला (female) है और उसका मेडिकल परीक्षण (medical tests) होना है तो ऐसा मेडिकल (medical examination) केवल किसी रजिस्ट्रीकृत महिला चिकित्सक (registered female doctor) या उसके पर्यवेक्षण (supervision) में किया जाएगा.
(क) परीक्षण में खून (testing blood), खून के धब्बों (blood stains), सीमन (semen), लैंगिक अपराधों (sexual offences) की दशा में सुआब (swabs), थूक और स्वाब, बाल के नमूनों (hair samples) और उंगली के नाखून की कतरनों (finger nail clippings) की आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीक (modern and scientific techniques) से जांच. साथ ही इसमें डी.एन.ए. प्रोफाइल (DNA profiling) करना भी है, प्रयोग द्वारा परीक्षा (test by experiment ) और ऐसे अन्य परीक्षण, जिन्हें रजिस्ट्रीकृत चिकित्सक (registered medical practitioner) किसी विशिष्ट मामले में आवश्यक समझता है, सम्मिलित होंगे.
(ख) रजिस्ट्रीकृत चिकित्सक (registered doctor) से अभिप्रेत वह चिकित्सा-व्यवसायी (medical practitioner) है, जिसके पास भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 (1956 का 102) की धारा 2 के खंड (ज) Indian Medical Council Act, 1956 (102 of 1956) में यथापरिभाषित कोई चिकित्सीय अर्हता (any medical qualification as defined) है और जिसका नाम राज्य चिकित्सा रजिस्टर (State Medical Register) में प्रविष्ट (entered) किया गया है.
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.