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CrPC Section 69: गवाह पर डाक से समन की तामील कैसे हो? बताती है सीआरपीसी की धारा 69

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 69 (Section 69) में बताया गया कि साक्षी पर डाक द्वारा समन की तामील कैसे हो. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 69 में इस विषय को लेकर क्या प्रावधान किया गया है.

साक्षी पर डाक द्वारा समन की तामील किए जाने से जुड़ी है CrPC की धारा 69 साक्षी पर डाक द्वारा समन की तामील किए जाने से जुड़ी है CrPC की धारा 69
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:27 AM IST
  • डाक द्वारा समन की तामील से जुड़ी है CrPC की धारा 69
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए हैं संशोधन

Code of Criminal Procedure (दंड प्रक्रिया संहिता) में न्यायलय (Court) और पुलिस (Police) के काम करने की प्रक्रिया (Process) के बारे में जानकारी मौजूद है. ऐसे ही सीआरपीसी (CrPC) की धारा 69 (Section 69) में बताया गया कि साक्षी पर डाक द्वारा समन की तामील कैसे हो. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 69 में इस विषय को लेकर क्या प्रावधान किया गया है?

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सीआरपीसी की धारा 69 (CrPC Section 69)

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 69 (Section 69) में किसी गवाह (Witness) पर डाक के ज़रिए (By post) समन की तामील करने का प्रावधान (Provision for service) बताया गया है. CrPC की धारा 69 के अनुसार- 

(1) इस अध्याय की पूर्ववर्ती धाराओं में किसी बात के होते हुए भी साक्षी के लिए समन (Summons for witness) जारी करने वाला न्यायालय (Court), ऐसा समन जारी करने के अतिरिक्त और उसके साथ-साथ निदेश दे सकता (Can direct) है कि उस समन की एक प्रति की तामील (Service of a copy) साक्षी के उस स्थान के पते पर, जहां वह मामूली तौर पर निवास करता है या कारवार करता है या अभिलाभार्थ स्वयं काम (self work for profit) करता है रजिस्ट्रीकृत डाक (registered post) द्वारा की जाए.

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(2) जब साक्षी द्वारा हस्ताक्षर (Signed by the witness) की गई तात्पर्यित अभिस्वीकृति (Purported acknowledgment) या डाक कर्मचारी (postal worker) द्वारा किया गया तात्पर्यित यह पृष्ठांकन कि साक्षी ने समन लेने से इनकार कर दिया है, प्राप्त हो जाता है तो समन जारी करने वाला न्यायालय यह घोषित (Court declared that) कर सकता है कि समन की तामील सम्यक् रूप से कर दी गई (summons has been duly served) है.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 68: जब तामील करने वाला अफसर न हो मौजूद, धारा 68 करती है ये प्रावधान 

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)

सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC

सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

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