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CrPC Section 72: वारंट किसके लिए होगा निर्देशित, यही प्रावधान करती है सीआरपीसी 72

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 72 (Section 72) में इस बात का प्रावधान किया गया है कि वारंट (Warrant) किसको निदिष्ट (Directed) होंगे. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 72 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

CrPC की धारा 72 में वारंट को लेकर प्रावधान किया गया है CrPC की धारा 72 में वारंट को लेकर प्रावधान किया गया है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:28 PM IST
  • वारंट किसको होंगे निदिष्ट, ये बताती है धारा 72
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में कोर्ट और पुलिस प्रशासन के काम करने की प्रक्रिया (Process) और उससे जुड़े प्रावधान मिलते हैं. ऐसे ही सीआरपीसी (CrPC) की धारा 72 (Section 72) में इस बात का प्रावधान किया गया है कि वारंट (Warrant) किसको निदिष्ट (Directed) होंगे. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 72 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

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सीआरपीसी की धारा 72 (CrPC Section 72)

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 72 (Section 72) में अनुसार-

(1) गिरफ्तारी का वारंट (Warrant of arrest) मामूली तौर पर एक या अधिक पुलिस अधिकारियों (Police officers) को निदिष्ट होगा; किंतु यदि ऐसे वारंट का तुरंत निष्पादन (Immediate execution) आवश्यक है और कोई पुलिस अधिकारी तुरंत न मिल सके तो वारंट जारी करने वाला न्यायालय (Court) किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों को उसे निदिष्ट (Directed) कर सकता है और ऐसा व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति उसका निष्पादन (Execution) करेंगे.

(2) जब वारंट (Warrant) एक से अधिक अधिकारियों (Officers) या व्यक्तियों (Persons) को निदिष्ट है तब उसका निष्पादन (Execution) उन सबके द्वारा या उनमें से किसी एक या अधिक के द्वारा किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 71: जमानत के संबंध में निर्देश देने की शक्ति देती है CrPC की धारा 71 

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क्या है सीआरपीसी

सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC

सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

 

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