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CrPC Section 77: कहां निष्पादित हो सकता है वारंट, यही बताती है सीआरपीसी की धारा 77

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 77 (Section 77) यह प्रावधान (Provision) करती है कि वारंट (Warrant) कहां निष्पादित (Executed) किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 77 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

वारंट के निष्पादन से संबंधित जानकारी देती है CrPC की धारा 77 वारंट के निष्पादन से संबंधित जानकारी देती है CrPC की धारा 77
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 6:52 AM IST
  • वारंट का निष्पादन किए जाने से जुड़ी है ये धारा
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धाराओं के विषय में हम लगातार आपको जानकारी दे रहे हैं. ताकि आप इन धाराओं के बारे में भी जान लें. ऐसे ही सीआरपीसी (CrPC) की धारा 77 (Section 77) यह प्रावधान (Provision) करती है कि वारंट (Warrant) कहां निष्पादित (Executed) किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 77 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

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सीआरपीसी की धारा 77 (CrPC Section 77)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 77 (Section 77) में बताया गया है कि किसी भी मामले में जारी किया गया वारंट कहां निष्पादित (Execute) किया जा सकता है. CrPC की धारा 77 के मुताबिक, गिरफ्तारी का वारंट (Warrant of arrest) भारत के किसी भी स्थान (any place in India) में निष्पादित (Execute) किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 75: वारंट के सार की अधिसूचना से संबंधित है सीआरपीसी की धारा 75 

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

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1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

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