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उज्बेक महिलाओं के यौन उत्पीड़न का था आरोप, कस्टम अधिकारी को कंपलसरी रिटायरमेंट

जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि सेवा में उनका बने रहना सेवा के लिए खतरा और सार्वजनिक हित के लिए हानिकारक होगा. गौरतलब है कि कस्टम अधिकारी हुड्डा नई दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर तैनात थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST
  • डीके हुड्डा के खिलाफ जारी रहेगी विभागीय जांच
  • साल 2019 में महिला यात्रियों ने लगाए थे आरोप
  • निलंबित चल रहे थे कस्टम अधिकारी डीके हुड्डा

नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बतौर सीमा शुल्क अधिकारी तैनात रहे डीके हुड्डा पर उज्बेकिस्तान की महिलाओं के यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगे थे. अब सरकार ने इस मामले में आरोपी निलंबित चल रहे कस्टम अधिकारी हुड्डा के खिलाफ कार्रवाई की है. सरकार ने उज्बेकिस्तान की महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी हुड्डा को कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया है.

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सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. सरकार की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि सेवा में उनका बने रहना सेवा के लिए खतरा और सार्वजनिक हित के लिए हानिकारक होगा. गौरतलब है कि कस्टम अधिकारी हुड्डा नई दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर तैनात थे. हुड्डा पर आरोप है कि 2/3 मई 2019 की देर रात संदिग्ध सामान ले जाने के संदेह में हिरासत में ली गई महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया और उनसे छेड़छाड़ किया.

ताशकंद से दिल्ली पहुंची उज्बेकिस्तान की दो महिला यात्रियों को बैग में संदिग्ध सामान होने के शक में हिरासत में लिया गया था. यौन उत्पीड़न के आरोपी हुड्डा को निलंबित कर दिया गया था. आंतरिक शिकायत समिति हुड्डा पर लगे आरोपों की जांच कर रही है. जांच में यह भी पाया गया कि संदिग्ध वस्तु के साथ पकड़ी गई महिलाओं को हुड्डा ने उसका बैग लेकर जाने दिया. दो महिला यात्रियों में से एक ने जांच समिति के सामने गवाही दी.

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कस्टम विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक मामले की जांच के बाद रिव्यू कमेटी ने गलत आचरण और यौन उत्पीड़न के लिए हुड्डा को कंपलरी रिटायरमेंट देने की सिफारिश की. सूत्रों के मुताबिक आरोपी अधिकारी को कंपलसरी रिटायरमेंट का आदेश 21 दिसंबर को ही दे दिया गया था. सूत्रों का कहना है कि हुड्डा से विभागीय जांच जारी रहेगी. यदि आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही भी की जा सकती है. कस्टम विभाग की ओर से साथ ही यह भी साफ किया गया है कि कंपलसरी रिटायरमेंट सजा नहीं है.

क्या है पूरा मामला

ताशकंद से आई उड़ान संख्या 421 में 2/3 मई 2019 की देर रात उज्बेकिस्तान की दो महिला यात्री आई थीं. इनमें से एक को ग्रीन चैनल तक पहुंचने पर सीसीटीवी कैमरे की कवरेज से बाहर ले जाया गया और करीब एक घंटे तक हिरासत में रखा गया. करीब एक घंटे तक हिरासत में रखने के बाद उसे जाने दिया गया. वहीं, दूसरी यात्री को भी 30 मिनट से अधिक समय तक हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया गया. इन दोनों को बगैर किसी जब्ती के रिहा कर दिया गया था. सूत्रों की मानें तो दोनों महिलाओं को हुड्डा के साथ एक कमरे में अकेले कैद किया गया था. इस दौरान स्क्रीनिंग के लिए किसी भी महिला अधिकारी को नहीं बुलाया गया था. दोनों महिला यात्रियों ने बाद में यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ का आरोप लगाया था.

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