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Trafficked and exploitation: शेल्टर होम से लापता हो गईं 5 उज़्बेक लड़कियां, DCW ने पुलिस को भेजा समन

उज्बेकिस्तान की सात लड़कियों ने दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें उन लड़कियों ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा था कि कुछ दिन पहले उन्हें नौकरी के बहाने भारत लाया गया था, लेकिन जब वे यहां पहुंची तो उन्हें वेश्यावृत्ति और सेक्स स्लेव बनने के लिए मजबूर किया गया.

लड़कियों के लापता होने पर महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है लड़कियों के लापता होने पर महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है
तनसीम हैदर/अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

तस्करी और यौन शोषण की शिकायत करने वाली 7 उज़्बेक लड़कियों में से 5 लड़कियां अचानक दिल्ली के एक निजी आश्रय गृह से लापता हो गई हैं. इन लड़कियों ने दिल्ली महिला आयोग से एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी और वेश्यावृत्ति रैकेट की शिकायत की थी. अब 5 लड़िकयों के गायब हो जाने के बाद आयोग ने दिल्ली पुलिस को समन जारी किया है. 

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सात लड़कियों ने दर्ज कराई थी FIR
29 अगस्त 2022 को उज्बेकिस्तान की सात लड़कियों ने दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें उन लड़कियों ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा था कि कुछ दिन पहले उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने भारत लाया गया था, लेकिन जब वे यहां पहुंची तो उन्हें वेश्यावृत्ति और सेक्स स्लेव बनने के लिए मजबूर किया गया. 

नेपाल के रास्ते लाई गईं थी भारत
लड़कियों ने पुलिस को बताया था कि उनमें से कुछ को नेपाल के रास्ते दिल्ली लाया गया था और कुछ को अलग-अलग समय पर पर्यटक वीजा और मेडिकल वीजा पर सीधे भारत लाया गया. जिन्हें नेपाल के माध्यम से लाया गया था, उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज नेपाल में ही छीन लिए गए थे और फिर उन्हें दिल्ली लाया गया था. जबकि दूसरी लड़कियों को मेडिकल वीजा पर दिल्ली लाया गया और भारत आने के बाद उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज ले लिए गए थे.

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वेश्यावृत्ति के लिए किया मजबूर
लड़कियों ने बताया कि जब वे भारत पहुंची तो उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया. जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन्हें धमकाया गया और पीटा गया. उनसे कहा गया कि उन्हें पकड़कर जेल में डाल दिया जाएगा. दिल्ली में रहने के दौरान उन्हें अलग-अलग लोगों को बेचा गया और उनके साथ बार-बार बलात्कार किया गया.

चाणक्यपुरी थाने में दर्ज हुई थी एफआईआर
आयोग ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर सूचित किया था कि थाना चाणक्यपुरी में धारा आईपीसी की धारा 365/384/323/506/120बी/370 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. 3 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया. लेकिन, पीड़ित लड़कियों ने 10 आरोपियों का नाम लिया था और जिनमें से 7 आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं किए गए हैं. 

पुलिस ने भेजा था शेल्टर होम
पीड़ित लड़कियां अपने देश वापस जाना चाहती थीं, जिसके लिए उन्हें अपने दस्तावेजों की सख्त जरूरत थी. लेकिन दिल्ली पुलिस इसकी व्यवस्था नहीं कर सकी और उन लड़कियों को एक आश्रय गृह में भेज दिया. तभी से वे वहां रह रही थीं. अब दिल्ली महिला आयोग को पता चला है कि पिछले कुछ दिनों से शेल्टर होम से 5 लड़कियां गायब हैं.

डीसीपी को जारी किया समन
आयोग ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है और डीसीपी नई दिल्ली को समन जारी कर मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने लड़कियों के लापता होने के मामले में दर्ज प्राथमिकी की प्रति के साथ पुलिस द्वारा लापता लड़कियों का पता लगाने और उन्हें बरामद करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है.

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निजी शेल्टर होम को भी नोटिस
आयोग ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में भी जानकारी मांगी है. इसके अलावा, आयोग ने पुलिस से कारण पूछा है कि पासपोर्ट सहित उनके पहचान दस्तावेजों को तस्करों के चंगुल से मुक्त नहीं किया जा सका? लड़कियों को दस्तावेज वापस क्यों नहीं किए गए. डीसीडब्ल्यू चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने निजी शेल्टर होम को नोटिस भी जारी किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि शेल्टर होम से लड़कियां किन हालात में लापता हुई हैं.

 

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