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विवेक विहार केसः 31 की रात लगाए थे भड़काऊ नारे, दिवार पर लिखा था भिंडरावाला, FIR दर्ज

दिल्ली के विवेक विहार थाने में तैनात कांस्टेबल सन्नी के बयान के आधार पर पुलिस ने यह एफआईआर (FIR) दर्ज की है. जिसमें कांस्टेबल सन्नी ने बताया कि 26 जनवरी 2022 को दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसमे पीड़िता के साथ Abduction and sexually and physically assault किया गया था.

थाना विवेक विहार के कांस्टेबल सन्नी की शिकायत पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है थाना विवेक विहार के कांस्टेबल सन्नी की शिकायत पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST
  • 26 जनवरी को कस्तूरबा नगर में हुई थी शर्मनाक वारदात
  • युवती को बंधक बनाकर किया गया था गैंग रेप
  • इस मामले में पकड़े जा चुके हैं कई आरोपी

दिल्ली के कस्तूरबा नगर में युवती के साथ दरिंदगी के मामले में पुलिस ने माहौल खराब करने की कोशिश और भड़काऊ नारेबाजी करने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है. पुलिस के मुताबिक 31 जनवरी की रात वहां बाहर से आए कुछ लोगों ने भड़काऊ नारे लगाए थे और दीवार पर 'भिंडरावाला' लिखा था. 

दिल्ली के विवेक विहार थाने में तैनात कांस्टेबल सन्नी के बयान के आधार पर पुलिस ने यह एफआईआर (FIR) दर्ज की है. जिसमें कांस्टेबल ने बताया कि '26 जनवरी 2022 को दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसमे पीड़िता के साथ Abduction and sexually and physically assault किया गया था. जिसको ध्यान में रखते हुए मेरी ड्यूटी पीड़िता और आरोपियों के घर के पास गुरुद्वारा वाली गली कस्तूरबा नगर में थी. 

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जहां बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री के लिए रजिस्टार बनाया गया था. जिसमें एंट्री करनी होती है. तभी 31 जनवरी की रात 10.30 बजे कस्तूरबा नगर गुरुद्वारा के प्रधान निर्मल सिंह, जिसको मैं अच्छी तरह से जानता हूं. उसके साथ कुछ बाहरी व्यक्ति गुरुद्वारा वाली गली में आये थे. जिन्हें पीड़ित के घर जाना था. जिनके नाम तरनतारन के अमृत सिंह मेरो, गुरुद्वारे के प्रधान निर्मल सिंह और मलकीत सिंह थे. 

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निर्मल सिंह अपने साथ अमृत सिंह मेरो को पीड़िता के घर लेकर चला गया और मलकीत सिंह को वहीं गुरुद्वारा वाली गली में रुकने का बोलकर चला गया. जब अमृत सिंह मेरो और निर्मल सिंह प्रधान वापस गली में आये तो सभी लोगों ने एक साथ "सिख कोम अभी जिन्दा है, बदला लेंगे" के नारे लगाए और उन्हीं लोगों में से अमृत सिंह मेरो ने कस्तूरबा नगर गुरुद्वारा वाली गली की दीवार पर पंजाबी लिपि में कुछ लाइन और भिंडरावाला लिखा था.

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जब मैं सन्नी कांस्टेबल और मेरे साथ स्टाफ ने उन लोगों को समझाया. वहां गली से जाते-जाते अमृत सिंह, मलकीत सिंह, निर्मल सिंह प्रधान और अन्य लोगों ने "सिख कोम अभी जिन्दा है, हिन्दुओं से बदला लेंगे. हिन्दुओं को नहीं छोड़ेंगे" के नारे लगाते हुए और धमकी देते हुए चले गये. इसके बाद मैं कान्स्टबेल लवप्रीत के साथ पीड़िता के घर पंहुचा तो उसके घर के अंदर भी दीवार पर पंजाबी लिपि में "सिख कोम अभी जिन्दा है" लिखा हुआ था.

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अमृत सिंह मेरो, निर्मल सिंह प्रधान, मलकीत सिंह और अन्य लोगों ने कस्तूरबा नगर में अपराधिक साजिश के तहत भड़काऊ नारेबाजी की. भड़काऊ नारे दीवारों पर लिख कर समाज में अमन शांति को बिगाड़ने, धार्मिक भावनाएं भडकाने और देश, समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द ख़राब करने की कोशिश की. वहां भय उत्पन्न करने और दंगा भडकाने के उद्देश्य से जानबूझकर ये सब किया है. जिनको मैं सामने आने पर पहचान सकता हूं. इनके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की जाए.'

दिल्ली पुलिस ने कांस्टेबल सन्नी की तहरीर पर इस संवेदनशील मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 153, 153A, 120B और 506 के तहत मामला दर्ज किया है.

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