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लालकिला हिंसाः देशद्रोह और UAPA के तहत केस दर्ज, ACP नेगी की टीम करेगी जांच

26 जनवरी को भड़की हिंसा के मामले में देशद्रोह और UAPA के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी. स्पेशल सेल के बड़े अधिकारियों के मुताबिक यूएपीए के तहत जो केस दर्ज किए गए हैं, उसमें ITO समेत सभी जगह जो हिंसा हुई है, उसकी जांच की जाएगी.

पुलिस ने इससे पहले किसान नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है पुलिस ने इससे पहले किसान नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है
अरविंद ओझा
  • दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 10:41 PM IST
  • ट्रैक्टर परेड के दौरान भड़की हिंसा पर सरकार सख्त
  • किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज हो चुके हैं मुकदमें
  • अब देशद्रोह और UAPA से बढ़ेगी किसान नेताओं की परेशानी

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला समेत अन्य स्थानों पर हुई हिंसा के मामले में देशद्रोह और UAPA के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. इसकी जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सौंपी गई है.

किसान आंदोलन से जुड़े किसान नेताओं की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं. 26 जनवरी को भड़की हिंसा के मामले में देशद्रोह और UAPA के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी. स्पेशल सेल के बड़े अधिकारियों के मुताबिक यूएपीए के तहत जो केस दर्ज किए गए हैं, उसमें ITO समेत सभी जगह जो हिंसा हुई है, उसकी जांच की जाएगी.

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दिल्ली पुलिस के स्पेशल एसीपी ललित मोहन नेगी को लालकिला हिंसा के मामले में दर्ज यूएपीए की जांच का जिम्मा सौंपा गया है. नेगी इस बात की जांच करेंगे कि लाल किले की झंडा घटना और दंगे के लिए क्या साजिश रची गई थी. एसीपी ललित मोहम नेगी को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माना जाता है.

एसीपी नेगी की टीम में कई इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं. हर इंस्पेक्टर को अलग-अलग टास्क दिए गए हैं. जिसमें से एक टीम लक्खा, दीप सिंधु और लाल किले पर झंडा लहराने वाले आरोपियों की धर पकड़ करेगी. एक टीम हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी पर काम करेगी. एक टीम इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए साजिश के सूत्रधारों की पहचान करेगी. तो एक टीम सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयान को इक्क्ठा करने का काम करेगी. 

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ज तर्रार एसीपी ललित मोहन नेगी ने दर्जनों आतंकियों को गिरफ्तार किया है. वे 40 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं. इंडियन मुजाहिदीन के मॉडयूल को खत्म करने में उनकी बड़ी भूमिका रही है. हाल ही में पंजाब में शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या में शामिल 2 मुख्य शूटर भी ललित मोहन नेगी की टीम ने ही पकड़े थेय उस केस की जांच अब NIA के पास जा चुकी है. ललित मोहन नेगी संसद हमले की जांच टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं.

बताते चलें कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाली गई थी. इस दौरान जगह-जगह हिंसा हुई थी. हिंसा को लेकर अब तक करीब दो दर्जन केस दर्ज किए जा चुके हैं. एफआईआर में कई किसान नेताओं का जिक्र है. दिल्ली पुलिस इस मामले में साजिश को लेकर भी एफआईआर दर्ज करेगी. हिंसा के पीछे जो लोग हैं, उनका भी पता लगाया जाएगा.

गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाली एफआईआर में कई किसान नेताओं के नाम हैं. डॉ. दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह उग्राहा, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, राकेश टिकैत और राजेन्द्र सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई है. इन नेताओं के साथ बातचीत कर ही दिल्ली पुलिस ने एनओसी दी थी. ट्रैक्टर मार्च के दौरान नियम तोड़ने को लेकर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. 

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