
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हत्या के आरोपी नरेंद्र उर्फ डैडी को 19 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी हरियाणा के पंचकूला का रहने वाला है और दिल्ली पुलिस का घोषित अपराधी है. उसकी उम्र 64 साल है. जिस हत्या के मामले में वह आरोपी है, वह साल 2004 का है.
जानकारी के अनुसार, 27 अगस्त 2004 की दोपहर दिल्ली पुलिस को खबर मिली थी कि पश्चिम विहार में एक युवती की लाश मिली है. महिला के चेहरे और सीने पर चोट के निशान थे. उसका दुबट्टे से गला घोंटा गया था. घटना के समय मृतका घर में अकेली थी. वह ऑल इंडिया रेडियो के एक कर्मचारी की दूसरी पत्नी थी.
पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि एक परिचित व्यक्ति ने महिला के दरवाजे पर दस्तक दी थी. इसके बाद वह घर में पहुंचा और नौकर बाजार से कुछ सामान लाने के लिए भेज दिया. कुछ देर बाद जब नौकर वापस लौटा तो उसने उस व्यक्ति को घर से निकलते देखा. जब वह अंदर पहुंचा तो युवती का शव बेडरूम में पड़ा था.
मृतका के पति की पहली शादी से दो बेटे और एक बेटी थी. मृतका के साथ शादी से पहले उसका एक बेटा कनाडा शिफ्ट हो चुका था और घटना के समय दो अन्य बेटे स्कूल में थे. पुलिस ने जब गहनता से पूछताछ की तो युवती के घर में आने वाले की पहचान नरेंद्र उर्फ डैडी निवासी विष्णु गार्डन, दिल्ली के रूप में हुई.
वारदात को अंजाम देने के बाद खाली कर दिया था किराए का मकान
इसके बाद पुलिस नरेंद्र के घर पहुंची तो पता चला कि घटना के बाद से पूरा परिवार लापता है. घटना वाले दिन ही परिवार सामान छोड़कर किराए का मकान खाली कर गया था. इसके बाद जांच में नरेंद्र उर्फ डैडी का नए ठिकाने की जानकारी हुई. पुलिस की कोशिशों के बाद दिल्ली की अदालत ने 28 फरवरी 2007 को नरेंद्र प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया.
स्पेशल सेल की टीम के प्रयासों के बाद 10 मार्च 2022 को मुखबिर की मदद से नरेंद्र का सुराग मिल गया. स्पेशल सेल ने पंचकूला से नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के समय नरेंद्र उर्फ डैडी ने पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की कि वह कोई और व्यक्ति है. जिसे पुलिस ढूंढ़ रही है, वह कोई और है. आरोपी ने गिरफ्तारी के दौरान हंगामा करने की भी कोशिश की, ताकि वह पुलिस की आंख में धूल झोंक सके.
सेल्समैन का काम कर रहा था आरोपी नरेंद्र
पुलिस के अनुसार, आरोपी नरेंद्र सेल्समैन का काम कर रहा था. उसके पिता का वर्ष 1984 में निधन हो गया था. उसकी 85 वर्षीय मां गृहणी हैं. नरेंद्र ने 7वीं तक की पढ़ाई की है, वह शादीशुदा है. उसका एक बेटा और दो बेटियां हैं. दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह मृतका के पति को पहले से जानता था. उसका परिवार साल 1997 तक दिल्ली में उसी इलाके में रहा था. इसके बाद परिवार विष्णु गार्डन में रहने लगा था.
साल 2004 में कई वर्षों के अंतराल के बाद यानि हत्या की घटना के एक महीने पहले नरेंद्र अपने चचेरे भाई सुरेंद्र के साथ मृतका के पति से एक शादी में मिला था. इसी दौरान उसे पता चला कि मृतका के पति ने दूसरी शादी की है. जब वह उससे मिला तो वह युवती की खूबसूरती पर फिदा हो गया.
युवती के घर पहुंचा और नौकर को भेज दिया बाजार
इसके बाद से नरेंद्र युवती से संबंध बनाना चाहता था. प्लान के मुताबिक घटना के दिन जब नरेंद्र दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित युवती के घर गया और उसने नौकर को बाहर भेजा तो घर में युवती को अकेला देख उसके साथ जबरदस्ती करने लगा. युवती ने विरोध किया और धमकी देते हुए रोने चीखने लगी.
इसके बाद नरेंद्र ने युवती की गला दबाकर हत्या कर दी और फरार हो गया. हत्या के बाद वह सीधे पूरे परिवार को जम्मू ले गया, वहां से लुधियाना में शिफ्ट हो गया. इसके बाद जैसे ही उसे पता चला कि पुलिस लुधियाना आ रही है तो वह कहीं और फरार हो गया था.