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चाइनीज जासूसी कांड में हवाला कारोबारियों पर कसा पुलिस का शिकंजा, राजीव शर्मा की आज कोर्ट में पेशी

14 सितंबर को दिल्ली से गिरफ्तार फ्री लांस पत्रकार राजीव शर्मा को जानकारी कहां से मिलती थी और उस संवेदनशील जानकारी के बदले उन्हें पैसे किस तरह से दिए गए, जांच एजेंसी इसके तक जाने की कोशिश में है.

खुफिया जानकारी के बदले में लेता था मोटी रकम (फोटो- पीटीआई) खुफिया जानकारी के बदले में लेता था मोटी रकम (फोटो- पीटीआई)
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:45 AM IST
  • चाइनीज जासूसी कांड में हवाला कारोबारियों पर पुलिस का शिकंजा
  • किंग शी की शैल कंपनी से हवाला के जरिए दी गई थी मोटी रकम
  • किंग शी के महिपालपुर दफ्तर से पुलिस को मिले हैं अहम सुराग

चाइनीज जासूसी कांड में हवाला कारोबारियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. किंग शी की शैल कंपनी से हवाला के जरिए मोटी रकम राजीव शर्मा को दिए जाने की जांच चल रही है. 14 सितंबर को दिल्ली से गिरफ्तार फ्री लांस पत्रकार राजीव शर्मा को जानकारी कहां से मिलती थी और उस संवेदनशील जानकारी के बदले उन्हें पैसे किस तरह से दिए गए, जांच एजेंसी इसके तक जाने की कोशिश में है. 

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पुलिस ने जांच के बाद चीनी महिला किंग शी को गिरफ्तार किया. किंग शी 2013 से पहले भारत आई थी, उसने 2013 में जामिया में एडमिशन लिया, पढ़ाई की फिर एम जेड कंपनी की निदेशक बन गई. दरअसल इस कंपनी को एक चीनी दंपति ने बनाया था लेकिन वो दोनों वापस चले गए और जाने से पहले उन्होंने किंग शी और एक नेपाली नागरिक को कंपनी का निदेशक बना दिया.

पुलिस के मुताबिक सेल कंपनी के जरिए राजीव को अब तक 2019 से चीन से 30 लाख रुपये से ज्यादा का पेमेंट 10 किश्तों में आ चुका है. बताया जा रहा है कि राजीव शर्मा 2010 से 2014 तक चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के लिए लेख लिखते थे. इसके बाद 2016 में चीनी खुफिया एजेंसी के अफसर माइकल ने उनसे लिंकडिन अकाउंट के जरिए उनसे संपर्क किया. जिसके बाद उन्हें चीन के कनमिंग शहर बुलाया गया और खूब आवभगत की गई. राजीव शर्मा और माइकल मालदीव और दूसरे देशों में भी मिले थे.

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2019 में राजीव की मुलाकात चीन के एक दूसरे खुफिया अफसर जॉर्ज से चीन के कनमिंग शहर में हुई. उनसे भूटान, सिक्किम, डोकलाम, और भारत-चीन सीमा पर सेना की तैनाती से जुड़ी जानकारी मांगी गई. जॉर्ज ने राजीव से दलाई लामा पर लेख लिखने को कहा था. जॉर्ज ने खुद को चीन की एक मीडिया कंपनी का जनरल मैनेजर बताया था. महिपालपुर की एक कंपनी के जरिए एक जानकारी या लेख के लिए 500 यूएस डॉलर से ज्यादा पैसा देने की बात कही गई थी.

स्पेशल सेल किंग शी, राजीव शर्मा और शेर सिंह के घर और दफ्तर से मिले कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक समान से तमाम डेटा निकालने की कोशिश में है. ताकि शेल कंपनियों की पूरी जानकारी मिल सके और साथ में किस तरह की और कितनी जानकारी दी गई है इस बात का भी पता लगाया जा सके.

दिल्ली पुलिस का कहना है कि राजीव शर्मा से तमाम मुद्दों पर जानकारी मांगी गई थी. जिनमें सेना के मूवमेंट की जानकारी, दलाई लामा की जानकारी, विदेश नीति से जुड़ी जानकारी, रक्षा अधिग्रहड़ से जुड़ी जानकारी के अलावा दलाई लामा पर उनके लेख शामिल थे.

इनमें से कई जानकारियां राजीव शर्मा ने आगे बढ़ाई थीं. ये पूछने पर कि एक पत्रकार को इतनी अहम और बॉर्डर से जुड़ी जानकारी कैसे मिली, पुलिस का कहना है कि पीआईबी कार्ड था जिसके जरिए वो आगे कहीं भी जाते थे और जो भी जानकारी बातचीत के जरिए पता लगती वो आगे बढ़ाते. पुलिस के पास अभी तक इस बात का भी सुराग नहीं है कि कोई राजीव की मदद कर रहा था या नहीं. राजीव की पुलिस रिमांड खत्म हो रही है और उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

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