
गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर झंडा लहराने के आरोपी युवक की तलाश जारी है. दिल्ली पुलिस की एक टीम ने आज शुक्रवार को जालधंर में छापेमारी की. दिल्ली पुलिस लाल किले पर झंडा लहराने वाले जुगराज की तलाश में कई जगहों पर लगातार छापेमारी कर रही है.
ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर केसरी झंडा निशान साहिब फहराने वाले जुगराज की तलाश में दिल्ली पुलिस की टीम ने जालंधर में छापेमारी की है. लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने वाले जुगराज सिंह और उसका परिवार गायब है.
दिल्ली पुलिस ने आरोपी जुगराज सिंह पर दंगे और देशद्रोह का मामला दर्ज किया है. हालांकि पंजाब में तरन तारन पुलिस ने 26 जनवरी को रात 10 बजे के करीब जुगराज सिंह के कथित तौर पर खालिस्तानी संगठन से संबंध को लेकर परिवार से लंबी पूछताछ की थी.
जुगराज किसान आंदोलनकारियों में शामिल था और उसने कथित तौर पर लाल किले की प्राचीर पर चढ़कर निशान साहिब का झंडा फहराया था. जुगराज के दादा, दादी, पिता, माता और तीन बहनें सभी दिल्ली पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए गायब हैं.
हालांकि इससे पहले जुगराज सिंह के दादा-दादी ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाला शख्स उनका पोता जुगराज सिंह ही था. लेकिन उन्होंने अलगाववादी संगठन से किसी तरह के संबंध होने से साफ इनकार किया था.
जुगराज सिंह के दादा ने कहा था, 'जुगराज ने जो कुछ भी किया जोश में किया. वो धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने वाला लड़का रहा है. गांव के आधे दर्जन गुरुद्वारों में वो वॉलंटियर के तौर पर काम करता रहा है. जब भी किसी तरह का धार्मिक अनुष्ठान होता है तो उसे जरूर बुलाया जाता है. खासकर गुरुद्वारों में निशान साहिब पर चोला साहिब चढ़ाने की सेवा करता था.
आरोपी जुगराज के बारे में आजतक से बात करते हुए स्थानीय नागरिकों ने कहा कि जुगराज सिंह अन्य ग्रामीणों के साथ 24 जनवरी को दो ट्रैक्टरों पर बैठकर नई दिल्ली के लिए रवाना हुआ था. जब उन्होंने जुगराज को लाल किले पर झंडा फहराते देखा तो वे लोग भी अचंभित हो गए.
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फरार जुगराज सिंह तरन तारन जिले के वान तारा सिंह गांव का रहने वाला है और इस घटना के बाद से गायब है. परिवार के पास करीब दो एकड़ की जमीन है. इसके अलावा उनके पास एक ट्रैक्टर है जो खराब पड़ा है. परिवार पर चार लाख रुपये का कर्ज भी है.
जहां तक जुगराज सिंह का सवाल है तो उसने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. ढाई साल पहले वह नौकरी के लिए चेन्नई गया था. लेकिन छह महीने के अंदर ही वह वापस तरन तारन लौट गया और खेतों में काम करने लगा.
अलगाववादी खालिस्तानी समूह 'सिख फॉर जस्टिस' ने 11 जनवरी को ऐलान किया था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले शख्स को 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे. गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दिन इनामी राशि बढ़ाकर साढ़े तीन लाख डॉलर कर दी गई थी.