
अपराध के इतिहास में कई बार रिश्तों को तार-तार करते हुए सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया जा चुका है. कई बार अपनों ने ही अपनों का गला घोटा है. कई बार कातिल सामने होता है, लेकिन सबूतों और गवाहों की बुनियाद पर चलने वाली न्याय व्यवस्था की कमजोरियों का फायदा उठाकर आजाद घूमता है. लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता.
पुलिस अपने इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके कई बार बहुत मुश्किल केस को भी हल कर देती है. 'क्राइम कथा' सीरीज में आज पेश है, एक ऐसे कत्ल की कहानी, जिसमें पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था. यहां तक जिस शख्स का कत्ल हुआ था, उसकी भी कोई पहचान नहीं थी. लेकिन उस शख्स की पैंट से निकले गीले कागज के दो टुकड़ों ने मर्डर मिस्ट्री सुलझा दिया.
5 अक्टूबर 2023. हैदरपुर ट्रीटमेंट प्लांट के पास मुनक नहर से एक युवक का शव बरामद किया गया. पानी में रहने की वजह से शव क्षत-विक्षत हो चुका था. मृतक की पहचान मुश्किल थी. पुलिस ने शव की तलाशी ली तो जेब से कागज के भीगे हुए दो टुकड़े मिले. पुलिस ने मृतक पहचान की कोशिश शुरू कर दी. आसपास के थानों में दर्ज गुमशुदगी की रिपोर्ट चेक गई.
टेक्निकल सर्विलांस और कॉल डेटा का रिकॉर्ड निकाला गया. लेकिन कुछ पता नहीं चल सका. गीले कागज के टुकड़ों को सूखने के बाद पुलिस ने उन सभी को आपस में जोड़ा, तो पता चला कि वो सामान के बिल हैं. एक सहारनपुर में सिलाई की दुकान का था. दूसरा मूंगफली की थोक खरीद का था. इसके बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम सहारनपुर पहुंची.
सहारनपुर में पहुंचने के बाद सिलाई की दुकान का पता नहीं चल पाया. अब पुलिस के पास एक मात्र जरिया मूंगफली की दुकान थी. मूंगफली के बिल के आधार पर डीलरों के बारे में जानकारी जुटाई गई. कई थोक डीलरों के पास पुलिस पहुंची. उस युवक का हुलिया बताकर पूछताछ की गई. वहां एक व्यापारी के जरिए पुलिस को युवक के परिवार के संबंध में जानकारी मिली.
आखिरकार 7 अक्टूबर को पुलिस युवक के घर पहुंच गई. लेकिन युवक परिजनों ने उसके बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया. पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई. परिवार का कहना था कि उन्हें नहीं पता कि युवक किसके साथ ज्यादा बातचीत करता था. कौन-कौन लोग उसके संपर्क में थे. उसका शव सहारनपुर से दिल्ली कैसे पहुंचा.
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इस बीच पुलिस को पता चला कि युवक के कुछ रिश्तेदार हरियाणा में रहते हैं. उनके बारे में जानकारी जुटाई गई. पता चला कि युवक की पत्नी सहित परिवार के कुछ सदस्य पानीपत में रहते हैं. पुलिस की एक टीम पानीपत पहुंची. वहां जाकर खुलास हुआ कि कुछ महीने पहले युवक ने अपने बड़े भाई और उसके परिवार को घर से बाहर निकाल दिया था. दोनों भाइयों में झगड़ा हुआ था.
उस समय तो बड़े भाई का परिवार घर से बाहर चला गया, लेकिन अंदर ही अंदर बदला लेने की योजना बनाने लगे. पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों से फिर से पूछताछ की और सख्ती दिखाई तो वो टूट गए. उन्होंने अपराध कुबूल कर लिया. उन्होंने बताया कि दूर के एक रिश्तेदार के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची थी.
साजिश के तहत समझौते की बात कहकर परिजन एक जगह एकत्र हुए. युवक को मिलने के बहाने पानीपत ले गए. वहां पहुंचने के बाद उसका गला घोंटा, फिर हाथ-पैर बांधकर नहर में फेंक दिया. इस तरह पानी में डूबने की वजह से उसकी मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने एक नाबालिग सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
रोहिणी के तत्कालीन डीसीपी गुरिगबल सिंह सिद्धू के नेतृत्व में इंस्पेक्टर त्रिभुवन नेगी, दिनेश और बिश्नोई की टीम ने इस पूरे केस मामले को सुलझाया था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो वर्षों में मुनक नहर से अज्ञात शव बरामद होने का यह पहला मामला था, जिसका उन्होंने खुलासा किया है. केस बहुत मुश्किल था, क्योंकि सुराग के नाम पर सिर्फ कागज के दो टुकड़े थे.