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'सैलरी नहीं देने पर शिकायत की धमकी दे रही थी, तो काट डाला', दिल्ली स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया हत्यारा

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हत्या की जघन्य वारदात का राजफाश किया है. आरोपी ने बताया कि मैं उसे झारखंड से लेकर आया था. यहां किसी के घर में नौकरी दिलवाई. वह घर जाने की बात कहकर काम के बदले पैसे मांगने लगी. इसलिए मैंने दोस्तों के साथ मिलकर लाश के छह टुकड़े कर लाश नाले में फेंक दी थी.

चार साल पुराने हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार. चार साल पुराने हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार.
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

दिल्ली में हुआ श्रृद्धा मर्डर केस इस समय सुर्खियों में है. चार साल पहले भी ऐसा ही केस हुआ था. घटना के आरोपी को अब गिरफ्तार किया गया है. इस घटना में आरोपी ने नाबालिग लड़की के शरीर के छह टुकड़े कर दिए थे.

नाबालिग की गलती केवल इतनी थी कि उसने आरोपी से अपनी सैलरी मांगी थी. नहीं देने पर उसने पुलिस से शिकायत करने की धमकी दी थी. नाबालिक की हत्या 17 मई 2018 को की गई थी. पुलिस ने आरोपी को झारखंड से गिरफ्तार किया है.

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दिल दहलाने देने वाला यह केस दिल्ली के मियांवली नगर का था. यहां नाले में नाबालिग लड़की की लाश के छह टुकड़ों में मिली थी. पुलिस ने जांच के बाद शुरुआत में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. मगर, घटना का मुख्य आरोपी शालू टोपनो पिछले चार साल से फरार चल रहा था.

अक्टूबर में शालू को किया गया था वांटेड घोषित

आरोपी शालू टोपनो को 16 अक्टूबर 2018 को वांटेड घोषित कर दिया गया था. उस पर पुलिस ने पचास हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था. शातिर बदमाश शालू गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदलता रहता था. उसकी तलाश में पिछले चार महीने से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमें खाक छान रही थीं. 

झारखंड में होने की जानकारी मिलने पर किया अरेस्ट 

लगातार कोशिशों के बाद भी स्पेशल सेल के हाथ खाली थे. फिर टीम को जानकारी मिली कि शालू टोपनो झारखंड के गुमला में छुपा हुआ है. इसके बाद सेल की एक टीम को तुरंत झारखंड भेजा गया, जहां से शालू टोपनो को गिरफ्तार किया गया. 

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नाबालिग की हत्या करने की बताई वजह

स्पेशल सेल की पूछताछ में शालू नाबालिग की हत्या करने का कारण बताया. उसने कहा, ''मैं मैनपावर प्लेसमेंट एजेंसी में काम करता था. साथ ही झारखंड और बिहार की लड़कियों को दिल्ली में घरों में नौकरी दिलाने का काम कमीशन पर करता था. साल 2015 में झारखंड की 12 साल की एक नाबालिग लड़की को लाया और उसे दिल्ली के एक घर में काम पर रखवा दिया था.''

आरोपी ने आगे बताया, ''तीन साल बाद लड़की झारखंड स्थित अपने घर लौटना चाहती थी. उसने मुझसे काम के बदले में रुपयों की मांग की. भुगतान की रकम दो लाख रुपए थी. मैं और प्लेसमेंट एजेंसी का मालिक मनजीत कार्केट्टा उसका पेमेंट करने में देरी करते रहे."

आरोपी ने कहा, "फिर नाबालिग ने पैसे नहीं देने पर पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी. इस बात पर मुझे गुस्सा आ गया. मैंने एजेंसी ऑफिस में ही लड़की के सिर पर भारी वस्तु मार दी. इसके कारण उसकी मौत हो गई. फिर नाबालिग की पहचान छुपाने के लिए अपने तीन साथियों के साथ मिलकर उसके शरीर के छह टुकड़े कर दिए. बैग में टुकड़ों को पैक करके मियांवाली इलाके में नाले के पास फेंक दिया था.''

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