Advertisement

दिल्ली दंगा 2020: बेगुनाही साबित करने के लिए देवांगना कलिता ने मांगे CAA विरोधी प्रदर्शनों के वीडियो, HC का किया रुख

दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलिता की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया और जांच एजेंसी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. लेकिन इस बीच ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलिता की याचिका पर नोटिस जारी किया है दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलिता की याचिका पर नोटिस जारी किया है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:16 PM IST

दिल्ली दंगों की आरोपी देवांगना कलिता ने गुरुवार को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कलिता ने HC से सांप्रदायिक दंगों से संबंधित यूएपीए (UAPA) सहित दो मामलों में पुलिस को उसके कुछ वीडियो और व्हाट्सएप चैट उपलब्ध कराने का निर्देश देने की मांग की है. जो साल 2020 में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा से संबंधित हैं.

Advertisement

दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलिता की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया और जांच एजेंसी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. लेकिन इस बीच ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

कलिता ने दलील दी कि उसे अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वीडियो और चैट की जरूरत है, लेकिन दिल्ली पुलिस के वकील ने दलील दी कि उसकी याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मामलों में आगे की जांच अभी भी चल रही है और याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई सामग्री चार्जशीट का हिस्सा नहीं है.

जस्टिस अमित बंसल ने मामले को 17 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए इस केस को सूचीबद्ध किया है. जस्टिस ने कहा, "जब तक मैं दोनों पक्षों को नहीं सुन लेता, तब तक रोक लगाने का कोई सवाल ही नहीं है."

Advertisement

कलिता के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को रिकॉर्ड करने के लिए कुछ व्यक्तियों को नियुक्त किया था और आरोप तय करने पर दलीलें सुनने के लिए ट्रायल कोर्ट के आगे बढ़ने से पहले फुटेज उन्हें प्रदान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "वे वीडियो प्रदर्शित करेंगे कि 22 से 26 फरवरी (2020) तक हम शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वीडियो यह प्रदर्शित करेंगे. मैं आपराधिक मामलों में आरोपमुक्त करने के अपने मूल्यवान अधिकार का प्रयोग करना चाहता हूं."

कलिता के वकील ने दलील देते हुए कहा कि उनके क्लाइंट के खिलाफ मामला (वर्तमान मामले में एफआईआर में से एक में) हत्या का है. जिसमें उन्हें जाफराबाद फ्लाईओवर के नीचे प्रदर्शनकारियों के एक समूह का हिस्सा बताया गया है. चुनिंदा स्क्रीनशॉट लिए गए हैं. वीडियो मौजूद हैं. मैं यह कहता हूं ये मालमा दोषमुक्त करने वाला है. मुझे संबंधित वीडियो उपलब्ध कराएं जाएं.'' 

प्रदर्शनों की वीडियो फुटेज के अलावा, वकील ने एक ग्रुप की "संपूर्ण व्हाट्सएप चैट" भी मांगी है, जिसके "चुनिंदा अंश" कथित तौर पर याचिकाकर्ता के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे थे.

छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलिता, नताशा नरवाल, जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफूरा जरगर, पूर्व AAP पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों पर भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के संबंध में अलग-अलग एफआईआर के तहत मामला दर्ज किया गया है. फरवरी 2020 में भड़की हिंसा के दौरान 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे. 

Advertisement

इसके बाद कलिता, शरजील इमाम, खालिद सैफी, उमर खालिद और अन्य पर उस हिंसा के पीछे "मास्टरमाइंड" होने का आरोप लगाया गया है, जो उस समय हुई थी जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य गणमान्य व्यक्ति राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौजूद थे.

आपको बता दें कि देवांगना कलिता को दरियागंज में एंटी-सीएए प्रदर्शन से जुड़ी हिंसा के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. कलिता पर भी दिल्ली दंगे के आरोपों की वजह से यूएपीए लगा दिया गया था. देवांगना कलिता जेएनयू में सेंटर फॉर वीमेन स्टडीज में एमफिल कर रही हैं और महिलावादी संगठन पिंजरा तोड़ की संस्थापक सदस्यों में शामिल हैं. दिल्ली हाई कोर्ट जज अभिनव पांडे ने देवांगना को जमानत देते हुए कहा था ऐसा कोई सीधा सबूत नहीं है जिसमें अभियुक्त किसी सरकारी कर्मचारी पर हमला करती नज़र आ रही हों. सीसीटीवी फुटेज भी ये नहीं दिखाता कि अभियुक्त हिंसा में शामिल है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement