
दिल्ली पुलिस के कई अफसरों ने वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक का अनुरोध पत्र भेजा है. इन अफसरों में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के पूर्व डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या भी शामिल हैं. डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या ने ये कहते हुए गैलेंट्री पुरस्कार का अनुरोध किया है कि उन्होंने दंगों के दौरान सैकड़ों लोगों के जीवन के साथ-साथ संपत्तियों को भी बचाया और असाधारण काम को अंजाम दिया.
फरवरी 2020 में भड़के दंगों के दौरान बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या (Ved Prakash Surya) को भी उनके साथ देखा गया था. इसी दौरान कपिल मिश्रा ने एक विवादित भाषण दिया था.
दिल्ली दंगों के दौरान वेद प्रकाश सूर्या नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी थे. इसी इलाके में सबसे ज्यादा दंगे भड़के थे.
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दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी
23 फरवरी 2020 को कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ मौजपुर चौक की रेड लाइट पर पहुंचे और नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के समर्थन में धरने पर बैठ गए. कपिल मिश्रा ने कहा था, डीसीपी साहब, आप सबके सामने खड़े हैं. मैं आप सबकी ओर से ये बात कह रहा हूं कि ट्रम्प के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं, लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे अगर रास्ते खाली नहीं हुए तो... ठीक है? कपिल मिश्रा के इस बयान के बाद ही सीएए समर्थक और विरोधी आमने-सामने आ गए और हिंसा भड़क उठी. इस हिंसा की चपेट में आने से 53 लोगों की मौत हो गई थी.
755 FIR दर्ज की गई थी
24 और 25 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था. इन दंगो के मामले में कुल 755 एफआईआर दर्ज की गई थीं. इनमें सभी शिकायतें शामिल हैं. पुलिस ने दिल्ली दंगों की जांच के लिए 3 एसआईटी गठित की थी. क्राइम ब्रांच को 60 केस जांच के लिए सौंपे गए थे, जबकि 1 केस स्पेशल सेल ने दर्ज किया था. इन दंगों में जांच के दौरान 1,818 लोग गिरफ्तार किए गए थे. पुलिस अफसरों का दावा है कि इन्वेस्टिगेशन के लिए टेक्नोलॉजी की मदद ली गई. दंगाइयों का वीडियो एनेल्टीका, सीसीटीवी फुटेज का FRS एनालाइजेशन किया गया था.