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फूड ब्लॉगर, LGBT सपोर्टर और एक्टिविस्ट... सोशल मीडिया पर खुद को ऐसा दिखाता था आफताब

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, श्रद्धा विकास वॉकर (26 साल) और आफताब पूनावाला (28 साल) की मुलाकात साल 2019 में एक डेटिंग ऐप के जरिए हुई थी. उस समय ये दोनों मुंबई में अपने परिवार के साथ रहते थे. आरोप है कि डेटिंग ऐप पर दोस्ती होने के बाद आफताब ने श्रद्धा से कई बड़े-बड़े वादे किए थे और कहा कि उसके लिए वो अपना घर छोड़ने को भी तैयार है.

दिल्ली में श्रद्धा वॉकर की उसके लिव इन पार्टनर आफताब ने हत्या कर दी. दिल्ली में श्रद्धा वॉकर की उसके लिव इन पार्टनर आफताब ने हत्या कर दी.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:54 AM IST

Shraddha Walker Murder case: दिल्ली के छतरपुर में हुए श्रद्धा वॉकर मर्डर केस की हर तरफ चर्चा है. श्रद्धा जिस खतरनाक कातिल आफताब अमीन पूनावाला को अपने सपनों का राजकुमार समझती है, उसके साथ शादी का सपना देखती है, उसके हर सुख-दुख में साथ देना चाहती है, लेकिन वो कातिल अपनी उसी प्रेमिका के शरीर के 20 छोटे-छोटे टुकड़े करके पूरे शहर में बिखेर देता है. आफताब के सोशल मीडिया अकाउंट्स देखने से पता चलता है कि वो खुद को एक प्रगतिशील लड़के के तौर पर पेश करता था. इसमें फेमिनिस्ट की बातें, LGBTQIA+ हकों का ‘समर्थन’ करता था. 

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पुलिस के मुताबिक, श्रद्धा विकास वॉकर (26 साल) और आफताब पूनावाला (28 साल) की मुलाकात साल 2019 में एक डेटिंग ऐप के जरिए हुई थी. उस समय ये दोनों मुंबई में अपने परिवार के साथ रहते थे. आरोप है कि डेटिंग ऐप पर दोस्ती होने के बाद आफताब ने श्रद्धा से कई बड़े-बड़े वादे किए और ये कहा कि अगर उसके परिवार को उन दोनों का रिश्ता मंजूर नहीं है तो वो उसके लिए अपना घर छोड़ने को भी तैयार है और दोनों मुंबई से दूर किसी दूसरे शहर में चले जाएंगे.

पेशे से शेफ था आफताब, खुद को फूड ब्लॉगर बताता था

इसके बाद जब इस लड़की ने अपने परिवार को आफताब के बारे में बताया तो उन्होंने इस रिश्ते का जबरदस्त विरोध किया. लेकिन श्रद्धा तब भी नहीं मानी और वो आफताब के साथ दिल्ली आ गई. बड़ी बात ये है कि इससे पहले ये लड़की मुंबई के एक कॉल सेंटर में काम करती थी. जबकि ये लड़का पेशे से एक Chef था और सोशल मीडिया पर ये खुद को Food Blogger बताता था.

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शादी का दबाव बना रही थी लड़की, इसलिए झगड़ा हुआ?

पुलिस का कहना है कि आफताब और श्रद्धा इसी साल अप्रैल में दिल्ली से कहीं बाहर घूमने गए थे. लेकिन इसके बाद जब वो वापस लौटे तो दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ और इस झगड़े के दौरान 18 मई को आफताब ने श्रद्धा की गला घोंट कर हत्या कर दी. फिलहाल, इस हत्या को लेकर अलग-अलग तरह के दावे किए जा रहे हैं. ऐसा भी शक जताया जा रहा है कि लव जिहाद भी इसके पीछे एक कारण हो सकता है. लेकिन पुलिस ने कहा है कि लड़की शादी करने के लिए लड़के पर दबाव बना रही थी, इसलिए उसने झगड़े में गला घोंट कर हत्या कर दी और घटना के बाद जो आफताब ने किया, उस पर शायद ही किसी को यकीन होगा.

25 हजार में फ्रिज खरीदा और शव के टुकड़े भर दिए

आफताब ने एक आरी से श्रद्धा के शव के 20 टुकड़े किए और इन सभी टुकड़ों को उसने अपने घर के एक फ्रिज में 18 से 19 दिनों तक रखा और ये फ्रिज भी उसने हत्या के अगले दिन ही खरीदा था, जिसके लिए उसने 25 हजार रुपये खर्च किए थे. इसके अलावा पुलिस का कहना है कि आफताब हर रोज रात को दो बजे फ्रिज से शव का एक टुकड़ा निकाल कर आसपास के इलाकों में जाता था और जहां हरियाली ज्यादा होती थी या जहां जंगल है, वहां इन टुकड़ों को फेंक देता था और ऐसा इसने लगातार 18 दिनों तक किया.

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दो लोगों के लिए ऑनलाइन खाना ऑर्डर करता था आफताब

हाथों और पैरों को लोग आसानी से देखकर पहचान ना लें, इसके लिए उसने इनके भी तीन-तीन टुकड़े कर दिए और इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि इस लड़के ने जिस फ्रिज में शव के इन टुकड़ों को रखा हुआ था, उसी फ्रिज में ये खाने-पीने का सामान भी रखता था और बाहर से जब ये ऑनलाइन खाना ऑर्डर करता था तो ये दो लोगों के लिए खाना मंगाता था, ताकि इस पर कोई शक ना कर सके.

आस-पड़ोस वालों को भी घटना की नहीं लगी भनक

ऐसा कहा जा रहा है कि ये लड़का क्योंकि पेशे से Chef था और इसे सब्जियां काटना पसंद था, इसलिए उसने इस लड़की की हत्या के बाद उसकी लाश के 20 टुकड़े कर दिए, ताकि उसके परिवार के लोग भी उसकी पहचान ना कर सकें. दिल्ली के जिस महरौली इलाके में ये दोनों लोग लिव-इन रिलेशनशिप में रहते थे, वहां आसपड़ोस में रहने वाले लोगों को भी इस घटना की भनक नहीं लगी और इन लोगों ने ये सोच लिया कि इस लड़के का इस लड़की से झगड़ा हुआ था, इसलिए लड़की उसे छोड़ कर अपने घर वापस चली गई.

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सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती थी लड़की

हालांकि परिवार का कहना है कि उन्हें कभी अपनी बेटी के बारे में पता ही नहीं चला. असल में ये लड़की अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर काफी ऐक्टिव रहती थी और अक्सर नई-नई तस्वीरें और वीडियोज पोस्ट करती रहती थी, लेकिन जब दो महीने तक उसके अकाउंट पर कोई नई पोस्ट नहीं आई तो उसकी एक दोस्त ने इस लड़की के परिवार को बताया कि इस लड़की का कहीं कोई पता नहीं है और इसके 6 महीने बाद जाकर ये आफताब नाम का लड़का गिरफ्तार हुआ है.

इस मामले में परिवार की तरफ से जो FIR दर्ज कराई गई है, उसमें लिखी तीन बातें बहुत अहम हैं.

पहली बात- जब इस लड़की के परिवार को ये पता चला कि उनकी बेटी आफताब नाम के किसी लड़के के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही है तो परिवार के लोगों ने और माता-पिता ने इस लड़की को काफी समझाने की कोशिश की और उससे ये तक कहा कि ये लड़का एक डेटिंग ऐप पर मिला है और उस पर इतना भरोसा करना सही नहीं है. लेकिन ये लड़की नहीं मानी.

दूसरी बात- परिवार ने जब इस पर और दबाव बनाया तो इस लड़की ने ये कहा कि वो 25 साल की है और बालिग है इसलिए कानूनन उसका परिवार उसे आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने से रोक नहीं सकता.

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तीसरी बात- दिल्ली आने के बाद जब ये लड़का इस लड़की के साथ मारपीट करता था तो एक बार ये लड़की डरकर अपने घर मुंबई लौट आई थी और तब इसके पिता ने इसे काफी समझाने की कोशिश की कि आफताब उसके लिए सही नहीं है और वो उसे छोड़े दे. FIR के मुताबिक ये लड़की भी तब इस बात को मान रही थी. लेकिन बाद में लड़के ने फिर से इस लड़की को फोन करके माफी मांगनी शुरू कर दी और उससे ये कहा कि वो उसका साथ कभी नहीं छोड़ेगा और मारपीट भी नहीं करेगा. इसके बाद ये लड़की फिर से अपने परिवार को छोड़ कर दिल्ली लौट आई.

रील और रियल लाइफ में आफताब के बिल्कुल अलग-अलग चेहरे

लेकिन इस बार आफताब ने उसकी ना सिर्फ हत्या की, बल्कि उसके शव के इतने टुकड़े किए कि पुलिस भी अब तक इनका पता नहीं लगा पाई है. आजतक ने इस लड़के के सोशल मीडिया अकाउंट्स को चेक किया तो पाया कि ये लड़का अक्सर महिलाओं को सम्मान और बराबरी के अधिकार देने की बात करता था और एक पोस्ट में इसने ऐसिड अटैक में संघर्ष करने वाली महिलाओं की भी प्रशंसा की थी. यानी रील वाली दुनिया में इस लड़के का रूप अलग था और रियल वाली दुनिया में इसकी प्रवृति बिल्कुल अलग थी.

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एक और बात, 2016 में इसने एक आर्टिकल शेयर करके बताया था कि कैसे फल और सब्जियां काटनी चाहिए, लेकिन कौन जानता था कि आफताब 6 साल बाद श्रद्धा को 20 टुकड़ों में काट देगा.

आफताब ने 29 नवंबर 2014 को लॉजिकल इंडियन वेबसाइट की एक पोस्ट शेयर की. इसमें एक तस्वीर में महिला की पीठ पर कुछ पर्चियां लगी हैं. इनके कैप्शन में लिखा है- 'महिलाएं लेबल्स के साथ पैदा नहीं होतीं.' इसी तरह, 28 जून 2015 को आफताब ने अपनी फेसबुक की प्रोफाइल पिक्चर बदली, जिसमें LGBTQIA+ का प्राइड फिल्टर लगाया था. प्राइड का मतलब लेस्बियन, गे, बाई-सेक्शुअल, ट्रांसजेंडर के गौरव और आंदोलनों का प्रतीक.

इस घटना से तीन बड़े सबक लिए जा सकते हैं

पहला- माता-पिता को ये पता होना चाहिए कि उनके बच्चे किससे मिल-जुल रहे हैं और सोशल मीडिया पर किससे दोस्ती कर रहे हैं.
दूसरा- लड़की किस लड़के के साथ लिव-इनन रिलेशनशिप में रह रही है. इसकी सभी जानकारी परिवार को होनी चाहिए.
तीसरा- ऐसे मामलों को हर स्तर पर लेकर जाइए और परिवार और समाज की मदद लीजिए.

 

 

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