
दिल्ली की तिहाड़ जेल में गैंगस्टर अंकित गुर्जर की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. तिहाड़ से बाहर आए एक कैदी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. उसने बताया कि मोबाइल मिलने पर गैंगस्टर अंकित गुजर को डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने तमाचा मारा था. लेकिन बवाल तब हुआ जब अंकित ने भी पलटकर उसे तमाचा मार दिया. इस बात का खुलासा 3 अगस्त को पेरोल पर जेल से बाहर आए कैदी ने कैमरे के सामने किया है.
खुलासा करने वाले कैदी का नाम गौरव है. वो 2017 से तिहाड़ जेल में बंद है. गौरव 3 अगस्त की रात 9:30 बजे पेरोल पर जेल से बाहर आया था. बाहर आते ही गौरव ने अपने पिता का फोन लेकर अंकित के परिवारवालों को फोन किया और उन्हें जेल में अंकित की जमकर पिटाई के बारे में जानकारी दी थी. उसने अंकित के घरवालों से कहा था कि वे तुरंत हरि नगर थाने में जाकर इस मामले की एफआईआर दर्ज करवाएं.
जैसे ही अंकित के परिवार को यह जानकारी मिली. अंकित के परिवारवालों ने 100 नम्बर पर पीसीआर कॉल करके जेल में मौजूद अंकित का हाल चाल जानने के लिए पुलिस को सूचना दी थी. पुलिस का कहना था कि जेल की दीवारें बंद है. और वो कोशिश कर रहे हैं और इस तरह रात बीत गई. अब तिहाड़ जेल प्रशासन के मुताबिक 4 अगस्त की सुबह अंकित जेल में मरा हुआ पाया गया था.
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जेल में अंकित के साथ हुई घटना का चश्मदीद कैदी गौरव जेल से बाहर आकर बता रहा है कि अंकित की बैरक में तिहाड़ जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट नरेंद्र मीणा ने सर्च ऑपरेशन चलाया. जिसमें अंकित की चक्की से मोबाइल बरामद हुआ. वो कैदी भी उस वक्त वहीं मौजूद था. उसके बाद नरेंद्र मीणा ने अंकित को बैरक से बाहर निकाला और थप्पड़ मार दिया. इसके बाद गैंगस्टर अंकित ने भी पलट कर डिप्टी सुपरिटेंडेंट नरेंद्र मीणा को थप्पड़ जड़ दिया.
कैदी गौरव के मुताबिक इसके बाद नरेंद्र मीणा वापस चला गया. बाद में वो जेल के 30 से 35 सुरक्षा में तैनात रहने वाली फोर्स के जवानों को साथ लेकर अंकित के बैरक में आया और फिर अंकित पर लाठी चार्ज कर दिया गया. अंकित को काफी चोटें आईं. उसका शरीर खून खून हो गया था. इसके बाद अंकित को जेल के अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां से डॉक्टरों ने उसे डीडीयू अस्पताल के लिए रेफर किया. लेकिन जेल प्रशासन ने उसे बाहर नहीं भेजा. अंदर ही लॉक कर दिया. इसके बाद क्या हुआ मुझे पता नहीं.
कैदी गौरव का बयान दिल्ली के हरि नगर पुलिस थाने में दर्ज किया गया है. गौरव कितना सच बोल रहा है, कितना झूठ? ये तो जांच में पता चलेगा. लेकिन आज तक को पुलिस सूत्रों ने कन्फर्म किया है कि अंकित के शरीर पर चोट के निशान थे. लेकिन अंकित को किसने मारा ये सच क्या कभी जेल से बाहर आ पाएगा?
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पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ-साथ मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद जब अंकित की बॉडी परिवार को सौंपी गई, तो परिवार का कहना है कि अंकित के पूरे शरीर पर गहरे जख्मों के निशान थे. आज तक के पास मौजूद फोटो और वीडियो में कई अंकित के शरीर पर कई जगह चोट के निशान दिखाई भी दे रहे हैं.
उधर, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद तिहाड़ जेल के डीजी ने एक्शन लिया है. डीजी ने जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट नरेंद्र मीणा समेत कुल 5 जेल कर्मचारियों को जेल नम्बर 3 से हटाया है. अंकित जेल नम्बर 3 में ही बंद था. इन जेल अधिकारियों और स्टाफ पर गैंगस्टर अंकित के परिवार वालों ने अंकित की हत्या करने का आरोप लगाया था. डीजी के मुताबिक अंकित के परिवार ने इन सभी पर आरोप लगाया है. साथ ही ये सभी लोग मौके पर मौजूद भी थे. इनके खिलाफ इन्क्वायरी भी ऑर्डर की गई है, इसलिए इन लोगों को हटाया गया है.