Advertisement

पिंजरा तोड़ ग्रुप की नताशा और देवांगना की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस, HC ने मांगा जवाब

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट पहले ही इन दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी खरिज कर चुका है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने जनवरी में नताशा नरवाल और देवांगना कलीता की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि पुलिस के आरोप पर विश्वास के लिए पर्याप्त आधार है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST
  • हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से 10 मार्च को मांगा जवाब
  • कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत याचिका

दिल्ली दंगा मामले में आरोपी नताशा नरवाल और देवांगना कलीता की जमानत अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 10 मार्च को जवाब देने के निर्देश दिए हैं. इन दोनों को दिल्ली पुलिस ने अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन अमेंडमेंट एक्ट (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया था.

Advertisement

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट पहले ही इन दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी खरिज कर चुका है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने जनवरी में नताशा नरवाल और देवांगना कलीता की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि पुलिस के आरोप पर विश्वास के लिए पर्याप्त आधार है. दिल्ली हिंसा के मामले में आरोपी और पिंजरा तोड़ अभियान की एक्टिविस्ट देवांगना कलीता की जमानत अर्जी कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने देवांगना की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि कोर्ट के पास पुलिस की ओर से लगाए गए आरोपों पर विश्वास करने के लिए पर्याप्त आधार हैं. कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही लगते हैं. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में आरोपित पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य और जेएनयू की छात्रा देवांगना पर हिंसा भड़काने का आरोप है.

Advertisement

एक चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करने जहांगीरपुरी से जाफराबाद पहुंची 300 महिलाओं को देवांगना ने हिंसा के लिए उकसाया था.  कहा यह भी गया था कि ये महिलाएं अपने साथ हथियार, तेजाब की बोतलें और मिर्च पाउडर लेकर आई थीं. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने एक चार्जशीट में दावा किया था कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने वाले आरोपियों को पाकिस्तानी की आईएसआई और खालिस्तानियों का समर्थन मिला था.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक हिंसा के आरोपियों ने अपने बयान में खुलासा किया था कि हिंसा में खालिस्तानियों और आईएसआई एजेंटों की भी भूमिका थी. आईएसआई एजेंट और खालिस्तान समर्थक दिल्ली दंगों से पहले सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रोटेस्ट में भी लगातार सक्रिय रहे थे. बता दें कि पिछले साल फरवरी में सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement