
पटियाला हाउस कोर्ट ने आज बुधवार को एडवोकेट महमूद प्राचा की ओर से दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनके घर और ऑफिस में हाल ही में किए गए पुलिस छापे के वीडियो फुटेज की तत्काल आपूर्ति से इनकार करते हुए एक आदेश को चुनौती दी गई थी.
पिछले महीने, पटियाला हाउस कोर्ट में ड्यूटी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने माना था कि वीडियो फुटेज की आपूर्ति का मुद्दा संबंधित अदालत द्वारा उचित स्तर पर तय किया जाएगा. यह आदेश पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा द्वारा दिया गया था.
दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में आरोपियों के वकील महमूद प्राचा की ओर से एक पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी. पिछले महीने महमूद प्राचा के ऑफिस पर दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की, जिसका दिल्ली बार काउंसिल ने भी विरोध किया. काउंसिल ने इस मसले पर गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी.
पिछले महीने, पटियाला हाउस कोर्ट में ड्यूटी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने महमूद प्राचा के परिसर में पुलिस के छापे के पूरे वीडियो फुटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने प्राचा के ऑफिस से जब्त सामान और छापे के दौरान बनाई गई वीडियो फुटेज को सुरक्षित करने का निर्देश दिया था.
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एडवोकेट महमूद प्राचा पर ऐसे आरोप हैं कि उन्होंने कथित रूप से फर्जी हलफनामा देने और दिल्ली हिंसा के पीड़ितों को झूठे बयान देने के लिए मजबूर किया था. उन पर आरोप यह भी है कि प्राचा ने एक अन्य वकील के हस्ताक्षर वाला शपथ पत्र भी आगे बढ़ाया था, जबकि उस वकील की मौत तीन साल पहले ही हो चुकी थी.
कोर्ट ने इस संबंध में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को आदेश दिए, तभी पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की. कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया कि महमूद प्राचा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए स्पेशल सेल या अपराध शाखा को निर्देश जारी करें. इस मामले पर जानकारी देते हुए स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी नीरज ठाकुर ने बताया कि अदालत ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.